Tahawwur Hussain Rana को भारत में क्या सुविधाएं मिलेंगी ?

भारत में आतंकवादियों को मिलने वाली सुविधाएं पूरी तरह भारतीय संविधान और मानवाधिकारों के तहत तय होती हैं। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि उन्हें VIP ट्रीटमेंट दिया जाता है। आतंकियों के साथ भारत का रवैया सख्त होता है, लेकिन कानून के दायरे में रहते हुए। नीचे कुछ अहम बातें हैं:

Tahawwur Hussain Rana : मुंबई की गलियों में एक चाय वाला है, जिसे लोग ‘छोटू’ के नाम से जानते हैं। लेकिन उसकी पहचान सिर्फ चाय तक सीमित नहीं है। 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के वक्त उसकी सतर्कता ने कई जिंदगियां बचाई थीं। आज वही छोटू, जिसका असली नाम मोहम्मद तौफीक है, एक बार फिर चर्चा में हैं – इस बार Tahawwur Hussain Rana के भारत प्रत्यर्पण को लेकर।

छोटू का साफ कहना है – “भारत को राणा को किसी भी तरह की खास सुविधाएं नहीं देनी चाहिए। ना बिरयानी, ना AC सेल, ना कोई स्पेशल ट्रीटमेंट। कसाब जैसी गलती दोहरानी नहीं चाहिए।”

छोटू की ये बात सिर्फ गुस्से से नहीं, अनुभव से भी निकली है। 2008 में जब आतंकियों ने मुंबई को दहला दिया था, उन्होंने कमांडोज़ से पहले लोगों को अलर्ट किया था। और आज जब उन हमलों के साजिशकर्ताओं में से एक तहव्वुर राणा भारत लाया जा रहा है, तो उनका गुस्सा लाजमी है। (Tahawwur Hussain Rana)

कौन है तहव्वुर राणा? (Who is Tahawwur Hussain Rana)

राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई नागरिक है, जिसकी दोस्ती डेविड कोलमैन हेडली से थी – वही हेडली, जिसने मुंबई हमले की साजिश रची थी। अमेरिका की अदालतों में तमाम कोशिशों के बावजूद राणा खुद को प्रत्यर्पण से नहीं बचा पाया। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट तक उसने अपील की, लेकिन हर बार उसका रास्ता बंद होता चला गया।

ये भी पढ़ें- 3 बच्चों की मां शबनम को हुआ शिवा से प्यार और फिर

अब राणा को अमेरिका से भारत लाया जा रहा है और उम्मीद की जा रही है कि उसकी पूछताछ में पाकिस्तान की भूमिका और भी साफ़ हो सकती है। भारत पहले ही राणा की सच्चाई जानता था, लेकिन अब सबूतों के साथ उस पर मुकदमा चलेगा।

Tahawwur Hussain Rana पर सख्त कानून की मांग

छोटू तौफीक का कहना है कि भारत को आतंकवादियों के लिए अलग से कानून बनाना चाहिए। “ऐसे लोगों को 2-3 महीने के अंदर फांसी पर लटका देना चाहिए। कोर्ट-कचहरी में सालों बर्बाद करने का कोई मतलब नहीं,” वो कहते हैं।

उनका गुस्सा और उनकी भावना देश के युवाओं से जुड़ती है – क्योंकि ये वही पीढ़ी है जिसने 26/11 के बाद बदलाव की मांग की थी, और अब दोबारा किसी ढील को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है।

आतंकियों को भारत में क्या सुविधाएं मिलती हैं ?

भारत में आतंकवादियों को मिलने वाली सुविधाएं पूरी तरह भारतीय संविधान और मानवाधिकारों के तहत तय होती हैं। लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि उन्हें VIP ट्रीटमेंट दिया जाता है। आतंकियों के साथ भारत का रवैया सख्त होता है, लेकिन कानून के दायरे में रहते हुए। नीचे कुछ अहम बातें हैं:

1. जेल में सुरक्षा और अलग सेल

  • आतंकवादियों को आम कैदियों से अलग रखा जाता है।
  • उन्हें हाई-सिक्योरिटी सेल में रखा जाता है ताकि वे दूसरे कैदियों से संपर्क न कर सकें।
  • ये कदम उनकी सुरक्षा और जेल में किसी हिंसा से बचाव के लिए होता है, साथ ही बाकी कैदियों की सुरक्षा के लिए भी।

2. भोजन – बिना कोई स्पेशल ट्रीटमेंट

  • सभी कैदियों की तरह आतंकियों को भी सरकारी जेल मैन्युअल के अनुसार खाना दिया जाता है।
  • कसाब को बिरयानी मिली थी – ये दावा मीडिया में खूब चर्चित हुआ था, लेकिन बाद में महाराष्ट्र सरकार ने इसे खारिज कर दिया था।
  • आतंकवादियों को कोई स्पेशल खाना या सुविधा नहीं दी जाती, जब तक कोर्ट का कोई विशेष आदेश न हो।

 3. मुलाकात और संपर्क

  • जेल मैन्युअल के अनुसार, उन्हें भी परिवार या वकील से मिलने की सीमित इजाजत होती है।
  • लेकिन आतंकियों पर ये बहुत सख्त निगरानी में होती है – हर कॉल, चिट्ठी और मुलाकात की जांच होती है।

4. कानूनी सहायता

  • भारत का कानून सभी को निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार देता है, इसलिए उन्हें वकील की सुविधा दी जाती है।
  • यदि वे वकील नहीं रख सकते, तो कोर्ट सरकारी वकील उपलब्ध कराता है।

Share it :