इंडियाना के मिशिगन में एक दर्दनाक घटना में, एक 10 वर्षीय बच्चे की दुखद मृत्यु हो गई जब उसकी पालने वाली माँ ने उसे “मजाक” करने के लिए अपने 154 Kg के शरीर से दबा दिया। घटना में शामिल जेनिफर विल्सन ने पुलिस को बताया कि डकोटा स्टीवंस नामक बच्चा उस सुबह उनके घर से भाग गया था। जब वो उसे पड़ोसी के घर से वापस लाई, तो बच्चा अनुशासनहीन व्यवहार कर रहा था।
अदालती दस्तावेजों के अनुसार, विल्सन ने बताया कि 41 Kg वजन के डकोटा ने खुद को घर के सामने लॉन पर गिरा दिया था। उसी समय, वो उसके सहयोगी को फोन कर रही थी। गुस्से में आकर वो लड़के के ऊपर बैठ गई। इस दौरान डकोटा चिल्लाता रहा, लेकिन कुछ ही मिनटों में उसकी आवाज धीमी पड़ गई और वो हिलना बंद हो गया।
विल्सन ने पुलिस को बताया कि उसे लगा कि बच्चा चोट लगने का नाटक कर रहा है। लेकिन जब उसने उसे पलटा, तो पाया कि उसकी पलकें पीली पड़ चुकी थीं। कोर्मेंट पेश हलफनामे में कहा गया है कि जब पुलिस घटनास्थल पर पहुँची, तो उन्होंने डकोटा की नब्ज चल नहीं रहीं थीं। इस दौरान, विल्सन बच्चे को देखकर बहुत परेशान हो गईं।
डकोटा को तुरंत पास के अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टर उसे बचाने में असमर्थ रहे। दो दिन बाद, उसे लाइफ स्पोर्ट सिस्टम से हटा दिया गया। ये दुखद घटना उस समय हुई जब विल्सन को डकोटा की अभिभावक बने हुए मात्र एक महीना हुआ था।
अधिकारियों द्वारा जाँच के दौरान प्राप्त रिंग कैमरे की फुटेज में ये स्पष्ट रूप से देखा गया कि विल्सन लगभग 20 सेकंड तक डकोटा के सिर और गर्दन पर बैठी रही, जिससे उसके छोटे शरीर से जान निकल गई। वीडियो में उसकी हताश चीखें धीरे-धीरे शांत हो गईं। जब विल्सन को एहसास हुआ कि स्थिति गंभीर हो गई है, तो उसने अपने अन्य बच्चों में से एक को 911 पर कॉल करने के लिए कहा। फुटेज में उसे बार-बार डकोटा का नाम पुकारते और उसकी सांसें थमते हुए देखते हुए सुना जा सकता है।
अगर जेनिफर विल्सन को दोषी पाया जाता है, तो उसे छह साल की जेल की सजा हो सकती है। वो अपने घर में तीन अन्य बच्चों की भी देखभाल कर रही थी। घटना के बाद, बाल सेवा विभाग ने उसकी पालक माता-पिता की लाइसेंस को निलंबित कर दिया है और इसे स्थायी रूप से रद्द करने पर विचार किया जा रहा है।
ये दर्दनाक घटना पालक देखभाल प्रणाली की सुरक्षा और बच्चों के कल्याण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न खड़े करती है।