Delhi Building Collapse- चार मंजिला इमारत गिरी, 4 की मौत

दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब तक मलबे से 10 लोगों को बाहर निकाला गया है, जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है। बाकी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

Delhi Building Collapsed : उत्तर-पूर्वी दिल्ली के न्यू मुस्तफाबाद (New Mustafabad) इलाके के शक्ति विहार में एक बड़ा हादसा हो गया है, जहां एक चार मंजिला रिहायशी इमारत अचानक भरभराकर गिर गई। इस हादसे में अब तक 4 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है।

अभी भी 8 से 10 लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी है, जिसमें NDRF (राष्ट्रीय आपदा मोचन बल) और दिल्ली अग्निशमन विभाग की टीमें जुटी हुई हैं।

Delhi Building Collapse से चीख-पुकार

ये हादसा शुक्रवार और शनिवार (19 अप्रैल) की दरम्यानी रात करीब 2:50 बजे हुआ, जब अधिकांश लोग गहरी नींद में थे। अचानक तेज आवाज के साथ इमारत (Delhi Building Collapse) गिर गई, जिससे आसपास के लोग भी दहशत में आ गए। दिल्ली फायर सेवा को जैसे ही घटना की सूचना मिली, वैसे ही तत्काल फायर टेंडर और NDRF की टीमें रवाना कर दी गईं। मौके पर बचाव दल के 40 से ज्यादा लोग राहत कार्य में जुटे हैं।

दमकल अधिकारी ने दी जानकारी

डिविजनल फायर ऑफिसर राजेंद्र अटवाल ने बताया, “हमें सुबह 2:50 बजे सूचना मिली कि एक रिहायशी बिल्डिंग ढह (Delhi Building Collapse) गई है। जब हमारी टीम मौके पर पहुंची, तो देखा कि पूरी इमारत ज़मीनदोज हो चुकी है। तुरंत NDRF और दमकल कर्मियों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। अभी भी मलबे के नीचे लोगों के फंसे होने की आशंका है। हमारी टीमें पूरी मुस्तैदी से काम कर रही हैं।”

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Delhi Building Collapse में 4 की मौत

दिल्ली पुलिस ने बताया कि अब तक मलबे से 10 लोगों को बाहर निकाला गया है, जिनमें से 4 की मौत हो चुकी है। बाकी घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उत्तर पूर्वी जिले के एडिशनल DCP संदीप लांबा ने बताया कि घटनास्थल से मलबा हटाया जा रहा है और माना जा रहा है कि 8 से 10 लोग अब भी अंदर फंसे हो सकते हैं। चार मंजिला इस इमारत में करीब 20 लोग रह रहे थे।

कैमरे में कैद हुई हादसे की भयावह तस्वीरें

इमारत गिरने (Delhi Building Collapse) की ये पूरी घटना आसपास लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई है। वीडियो में देखा जा सकता है कि किस तरह अचानक पूरी बिल्डिंग झटके में गिर जाती है। हादसे के बाद लोग इधर-उधर भागते दिखाई देते हैं। पुलिस ने फुटेज कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है कि आखिर इमारत गिरने की वजह क्या थी। शुरुआती जांच में इमारत की हालत जर्जर बताई जा रही है, लेकिन अभी स्पष्ट कारणों की पुष्टि नहीं हो पाई है।

मृतकों और घायलों के परिजनों का दर्द

हादसे में अपने दो भतीजों को खोने वाले शहजाद अहमद ने मीडिया से बात करते हुए बताया, “रात करीब 2:30 से 3 बजे के बीच ये इमारत गिरी। मेरे दो भतीजे इस हादसे में जान गंवा बैठे हैं। मेरी बहन, बहनोई और भतीजी गंभीर रूप से घायल हैं और फिलहाल जीटीबी अस्पताल में भर्ती हैं।”

वहीं एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया, “इस बिल्डिंग में एक परिवार के दो बेटे, उनकी पत्नियां, बच्चों समेत रहते थे। इसके अलावा कुछ किराएदार भी रह रहे थे। सबसे बड़ी बहू के तीन बच्चे हैं और दूसरी बहू के भी तीन बच्चे हैं। अभी उनका कुछ पता नहीं चल पा रहा है। हम सब बेहद परेशान हैं।”

प्रशासन और राहत दलों की सक्रियता

घटना के बाद इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल, प्रशासनिक अधिकारी, और राहत कार्य से जुड़ी टीमें मौजूद हैं। मलबे को हटाने के लिए आधुनिक उपकरणों का सहारा लिया जा रहा है और लोगों की जान बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। घायलों का इलाज GTB और नजदीकी अस्पतालों में किया जा रहा है।

स्थानीय लोगों में रोष और चिंता

इस हादसे के बाद इलाके के लोगों में काफी आक्रोश और चिंता देखने को मिली। स्थानीय निवासियों का कहना है कि इस इमारत की हालत काफी समय से खराब थी, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। अब प्रशासन पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या इस तरह की जर्जर इमारतों की समय पर जांच और मरम्मत नहीं की जानी चाहिए थी।

ये दुखद घटना एक बार फिर से शहर की जर्जर होती इमारतों और लचर व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। जब तक ऐसे हादसों से पहले चेतावनी नहीं ली जाती, तब तक मासूम जानें यूं ही मलबे में दबी रह जाएंगी।

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