India Pakistan Ceasefire इसलिए हुआ था? सामने आई गुप्त रिपोर्ट

सीजफायर के एलान के तुरंत बाद अमेरिका (USA) ने भी इस मामले में खुद का क्रेडिट लेने में देर नहीं की। CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने दावा किया है
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नई दिल्ली – India Ceasefire क्यों हुआ ये सवाल आज भारत में हर किसी की जुबान पर है। यकीनन आप भी सोच रहे होंगे कि जब भारत की सेना ने पाकिस्तान की सही से इलाज कर दिया था। तो फिर भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर क्यों किया गया ? दरअसल, भारत और पाकिस्तान (India Pakistan) के बीच चल रहे तनाव ने एक बार फिर पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया था। 7 मई 2025 से दोनों देशों के बीच जो संघर्ष शुरू हुआ था। और फिर अचानक शनिवार शाम को India Pakistan Ceasefire के साथ थम गया। लेकिन इस युद्धविराम (War Ceasefire) के पीछे की कहानी बेहद दिलचस्प और कई सवाल खड़े करने वाली है।

India Pakistan Ceasefire से पहले जहां भारत ने अपने Operation Sindoor के जरिए पाकिस्तान की सैन्य हरकतों को मुंहतोड़ जवाब दिया, वहीं पाकिस्तान ने भी भारत के ठिकानों पर हमले की नाकाम कोशिशें की। मगर, भारत की मजबूत सुरक्षा रणनीति और एडवांस डिफेंस सिस्टम (Advanced Defence System) ने पाकिस्तान के लगभग सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया।

India Pakistan Ceasefire क्यों हुआ?

India Pakistan Ceasefire के एलान के तुरंत बाद अमेरिका (USA) ने भी इस मामले में खुद का क्रेडिट लेने में देर नहीं की। CNN की एक रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका ने दावा किया है कि उसने इस संकट की गंभीरता को भांपते हुए दोनों देशों के बीच मध्यस्थता (Mediation) की भूमिका निभाई। जबकि कुछ दिन पहले तक अमेरिका का रुख बेहद अलग था और उसने कहा था “It’s None of My Business.”

CNN के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका को इंटेलिजेंस एजेंसियों से ये इनपुट मिला था कि शनिवार रात तक भारत और पाकिस्तान के बीच भीषण युद्ध (India Pakistan War) छिड़ सकता है। अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस (JD Vance) और विदेश मंत्री मार्को रुबियो (Marco Rubio) ने इस पूरे घटनाक्रम पर नजर रखी और सीधे भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात कर युद्धविराम की पहल करने का आग्रह किया।

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परमाणु युद्ध का खतरा

अमेरिकी इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स में सबसे ज्यादा चिंता उस वक्त बढ़ गई जब भारत ने पाकिस्तान के रावलपिंडी स्थित नूर खान एयरबेस (Noor Khan Airbase) पर ड्रोन हमला किया। ये इलाका पाकिस्तान की न्यूक्लियर कमांड अथॉरिटी (Nuclear Command Authority) के बेहद करीब था। अमेरिकी अधिकारियों ने इसे पाकिस्तान की परमाणु क्षमताओं को चेतावनी के तौर पर देखा, जो कि बेहद खतरनाक स्थिति में बदल सकती थी।

एक पूर्व अमेरिकी अधिकारी के अनुसार, ये हमला सीधे तौर पर पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठानों को अलर्ट करने जैसा था, और इससे न्यूक्लियर वॉर (Nuclear War) का खतरा बढ़ गया था। बाद में दोनों देशों के बीच DG लेवल की बात हुई और फिर India Pakistan Ceasefire का ऐलान किया गया।

India Pakistan Ceasefire की ओर कदम

जेडी वांस ने शुक्रवार को ईस्टर्न टाइम (Eastern Time) के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी से सीधा संपर्क किया। वांस ने मोदी से अनुरोध किया कि वे पाकिस्तान से सीधे संवाद (Direct Talks with Pakistan) के लिए तैयार हों। अमेरिका ने एक ऑफ-रैंप (Off-Ramp) यानी तनाव कम करने का रास्ता भी प्रस्तावित किया, जिसे पाकिस्तान ने तुरंत स्वीकार करने की हामी भरी।

रातभर विदेश मंत्री रुबियो और वांस के नेतृत्व में दोनों देशों के राजनयिकों के बीच बातचीत चलती रही। हालांकि ट्रंप प्रशासन ने इस वार्ता का मसौदा (Draft) तैयार करने में हिस्सा नहीं लिया, लेकिन दोनों देशों को एक मेज पर लाने में उनकी भूमिका अहम रही।

और नई जंग की आशंका

शनिवार शाम भारत और पाकिस्तान ने फुल और इमीडिएट सीजफायर (Full and Immediate Ceasefire) का एलान किया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने इस डील का क्रेडिट खुद ले लिया और कहा कि उनकी मध्यस्थता (Trump Mediation) से ये संभव हुआ।

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भारत ने इस पर सीधे तौर पर प्रतिक्रिया नहीं दी लेकिन कहा कि ये फैसला दोनों देशों के बीच डायरेक्ट बातचीत (Direct Agreement between India Pakistan) का नतीजा था। वहीं पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने अमेरिका को खुलकर धन्यवाद दिया।

मगर, सीजफायर के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तान ने फिर से अपनी नापाक हरकत दिखाई। भारत के वैष्णो देवी इलाके में ड्रोन अटैक (Vaishno Devi Drone Attack) कर दिया। हालांकि भारत ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की।

अमेरिका का दोहरा रवैया?

गौर करने वाली बात ये है कि कुछ दिन पहले ही वांस ने फॉक्स न्यूज़ (Fox News) को दिए इंटरव्यू में कहा था कि ये मामला ‘मूल रूप से अमेरिका का नहीं है।’ लेकिन जैसे ही न्यूक्लियर वार (Nuclear War Alert) की आशंका बढ़ी, अमेरिका ने अपना रुख बदलते हुए एक्टिव डिप्लोमेसी शुरू कर दी।

अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन (Trump Administration) ने ये कदम भारत और पाकिस्तान को परमाणु युद्ध की ओर बढ़ने से रोकने के लिए उठाया। वांस ने पिछले महीने भारत यात्रा (JD Vance India Visit) के दौरान प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी और यही रिश्ता इस संकट में उनके काम आया।

India Pakistan Tension: अब आगे क्या?

भारत पाकिस्तान संघर्ष (India Pakistan Conflict 2025) के इस एपिसोड के बाद भले ही एक अस्थायी युद्धविराम (Temporary War Ceasefire) लागू हो गया हो, लेकिन जमीनी हालात अब भी तनावपूर्ण हैं। पाकिस्तान ने अपनी हरकतों से यह जता दिया है कि वो सीजफायर का सम्मान करने के मूड में नहीं है। यानि सीधे तौर पर India Pakistan Ceasefire फिर से टूटता है तो भारत फिर मुंहतोड़ जवाब दे सकता है।

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भारत ने भी संकेत दिया है कि अगर पाकिस्तान ने फिर से किसी भी तरह की सैन्य या आतंकवादी हरकत की, तो उसका जवाब पहले से भी ज्यादा सख्त और कड़ा होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि ये संघर्ष केवल एक अल्पकालिक विराम है और अगर पाकिस्तान अपनी नीति नहीं बदलता है, तो भारत पाकिस्तान के खिलाफ और बड़े स्तर पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है।

भारत पाकिस्तान के बीच ये संघर्ष (India Pakistan Tension) भले ही थम गया हो, लेकिन अमेरिका की भूमिका को लेकर दुनिया भर में सवाल उठ रहे हैं। अमेरिका जहां खुद को इस संकट का नायक (Savior) साबित करने में जुटा है, वहीं भारत ने हमेशा की तरह इसे अपनी संप्रभुता और सुरक्षा नीति के तहत खुद हैंडल करने का दावा किया है।

इस पूरे घटनाक्रम ने यह दिखा दिया कि भारत अब किसी भी अंतरराष्ट्रीय दबाव के बिना अपने राष्ट्रीय हितों की रक्षा करने में सक्षम है और पाकिस्तान की हरकतों का जवाब देने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

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