Mehul Choksi Arrested – पंजाब नेशनल बैंक से जुड़े बहुचर्चित 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले के मुख्य आरोपी और भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी को आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया है। ये गिरफ्तारी बेल्जियम में की गई, जहां वो काफी समय से फरार चल रहा था। चोकसी की गिरफ्तारी के बाद अब इस मामले में एक बार फिर हलचल तेज हो गई है।
Mehul Choksi की जमानत की तैयारी
मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए बताया कि गिरफ्तारी के खिलाफ कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि वे चोकसी की जमानत के लिए अदालत में अपील दायर करेंगे, जो मुख्यतः मेडिकल आधार पर होगी। वकील ने बताया कि चोकसी कैंसर से पीड़ित है और उसका इलाज चल रहा है, ऐसे में उसे चिकित्सा सुविधा की आवश्यकता है।
विजय अग्रवाल ने ये भी कहा, “हम अदालत में ये भी तर्क देंगे कि चोकसी के भागने की कोई आशंका नहीं है। वो पहले ही अपनी मेडिकल स्थिति के चलते सीमित गतिशीलता में है। हमारी प्राथमिकता उसकी सेहत है और हम कानूनी रास्ते से उसकी रिहाई की कोशिश करेंगे।”
Mehul Choksi पर 5 दिन बाद सुनवाई
वकील ने आगे बताया कि बेल्जियम की अदालत में इस मामले की सुनवाई पांच दिनों के भीतर निर्धारित की गई है। उसके बाद ही जमानत याचिका पर विचार किया जाएगा। तब तक के लिए चोकसी पुलिस हिरासत में ही रहेगा।
Mehul Choksi केस क्या है?
मेहुल चोकसी का नाम सबसे पहले साल 2018 में सुर्खियों में आया था, जब भारत के दूसरे सबसे बड़े सरकारी बैंक पंजाब नेशनल बैंक (PNB Scam) में करीब 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का खुलासा हुआ। इस मामले में चोकसी और उसके भांजे नीरव मोदी (Nirav Modi) को मुख्य आरोपी बनाया गया था। जांच एजेंसियों के मुताबिक, इन दोनों ने बैंक से फर्जी “लेटर ऑफ अंडरटेकिंग” के जरिए हजारों करोड़ रुपये के कर्ज लिए, जिन्हें चुकाया नहीं गया।
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इन फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के आधार पर विदेशी बैंकों से लोन लिया गया था, जिसकी गारंटी PNB ने दी थी। लेकिन जब कर्ज वसूली का समय आया, तो बैंक को पता चला कि ये गारंटी धोखे से ली गई थी। इसके बाद PNB को भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
अधिकारियों की मिलीभगत?
जांच में ये भी सामने आया कि बैंक के कुछ अधिकारियों ने भी इस फर्जीवाड़े में चोकसी और नीरव मोदी की मदद की थी। इन अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर बिना किसी सत्यापन के लेटर ऑफ अंडरटेकिंग जारी किए। इस मिलीभगत की वजह से मामला और भी गंभीर बन गया।
भारत सरकार की कार्रवाई
इस घोटाले के सामने आने के बाद भारत सरकार ने चोकसी और नीरव मोदी के खिलाफ कई कार्रवाईयां शुरू कीं। उनके पासपोर्ट रद्द किए गए, संपत्तियां जब्त की गईं और इंटरपोल से रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया गया। चोकसी ने साल 2017 में एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और वहां से फरार हो गया था। कई बार उसे भारत लाने की कोशिश की गई, लेकिन कानूनी अड़चनों के चलते सफलता नहीं मिली।
अब जबकि वो बेल्जियम में गिरफ्तार हुआ है, भारत सरकार के लिए ये एक बड़ा मौका है कि उसे प्रत्यर्पण प्रक्रिया के जरिए भारत लाया जाए और उसे कानून के कटघरे में खड़ा किया जाए।
Mehul Choksi पर आगे क्या?
फिलहाल सबकी नजरें बेल्जियम की अदालत पर टिकी हैं, जहां अगले कुछ दिनों में चोकसी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी है। अगर अदालत से उसे राहत नहीं मिलती, तो भारत सरकार उसके प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को और तेज कर सकती है।
इस हाई-प्रोफाइल गिरफ्तारी से ये संदेश जरूर गया है कि चाहे आरोपी दुनिया के किसी भी कोने में छिपा हो, कानून की पकड़ से बच नहीं सकता। अब देखना होगा कि क्या चोकसी जल्द भारत लाया जा सकेगा या फिर कानूनी लड़ाई और लंबी खिंचेगी।