Pakistan Army में हड़कंप, 4,500 सैनिकों ने दिया इस्तीफा?

पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तानी सेना में भारी असंतोष। 100 से ज्यादा अधिकारियों और 500 सैनिकों ने दिया इस्तीफा। जानिए वायरल पत्र की सच्चाई और इसका भारत-पाक सीमा पर क्या असर पड़ेगा। वायरल पत्र के दावे में कितना दम है आइए जानते हैं।

Army Resignation : जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए हालिया आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान की सेना में हलचल तेज हो गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पत्र के मुताबिक, Pakistan Army में बड़े पैमाने पर असंतोष और विद्रोह जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जानकारी के अनुसार, 100 से अधिक सैन्य अधिकारियों और 500 से ज्यादा सैनिकों ने इस्तीफा सौंप दिया है। इस घटनाक्रम ने भारत-पाकिस्तान सीमा पर पाकिस्तान की सैन्य तैयारियों पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा ये भी किया जा रहा है कि 4 हजार 500 से ज्यादा पाकिस्तान सैनिकों ने इस्तीफा भेजा है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे Pakistan Army पर दावे पर सवाल भी उठ रहे हैं। HCN News की टीम इस दावे का Fact Check करेगी। चलिए इस दावे की हकीकत क्या है जानते हैं।

Pakistan Army में बगावत?

पत्र में दावा किया जा रहा कि, Pakistan Army में अधिकारियों और सैनिकों के बीच असंतोष के तीन प्रमुख कारण सामने आए हैं:

  • कमांडरों के बदलते आदेश: अक्सर बिना स्पष्ट निर्देश के सैनिकों को एक कोर से दूसरी कोर में रिपोर्ट करने का आदेश दिया जाता रहा है। इससे सैनिकों में भ्रम और नाराजगी बढ़ी है।
  • मानसिक थकान: लंबे समय तक तनावपूर्ण हालात में तैनाती और लगातार दबाव ने सैनिकों की मानसिक स्थिति को प्रभावित किया है।
  • पारिवारिक दबाव: अस्थिर हालात और बार-बार स्थानांतरण के चलते परिवारों पर भी आर्थिक और मानसिक बोझ बढ़ा है, जो सैनिकों के फैसले में अहम भूमिका निभा रहा है।

Pakistan Army पर वायरल पत्र

पत्र में दावा किया जा रहा है कि, पाकिस्तानी सेना के 11वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उमर अहमद बुखारी द्वारा सेना मुख्यालय को भेजे गए पत्र में इस असंतोष की गंभीरता को रेखांकित किया गया है। पत्र में बताया गया है कि पिछले आदेशों के तहत बलूचिस्तान और क्वेटा से बड़ी संख्या में सैनिकों को सीमा सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था। लेकिन 26 अप्रैल 2025 को जब इनकी स्थिति की समीक्षा की गई, तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए — लगभग 100 अधिकारी और 500 से अधिक सैनिक इस्तीफा दे चुके थे।

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सेना में गहरी चिंता- सेना

लेफ्टिनेंट जनरल बुखारी ने अपने पत्र में लिखा कि:

  • बार-बार आदेश बदलने से सैनिकों का मनोबल टूटा है।
  • एक कोर से दूसरी कोर में भेजे जाने से सैनिकों में भ्रम और आक्रोश है।
  • लगातार ट्रांसफर से न केवल कार्य क्षमता घटी है, बल्कि परिवारों पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ा है।

सेना पर सख्ती का दावा

लेफ्टिनेंट जनरल बुखारी द्वारा पत्र भेजे जाने के बाद, रावलपिंडी स्थित सेना मुख्यालय ने कड़ा रुख अपनाया है। मुख्यालय ने साफ कर दिया है कि:

  • वर्तमान हालात को देखते हुए किसी भी सैनिक या अधिकारी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा।
  • इस्तीफा देने वाले अधिकारियों और सैनिकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
  • सेना के भीतर असंतोष को दबाने के लिए आंतरिक जांच शुरू कर दी गई है।

हालांकि, मुख्यालय ने अभी तक सार्वजनिक रूप से इस्तीफा देने वालों की संख्या की पुष्टि नहीं की है, जिससे स्थिति पर संदेह और भी गहरा गया है।

भारत-पाक सीमा पर असर?

पत्र में दावा किया जा रहा है कि इस सामूहिक इस्तीफे का सबसे बड़ा असर भारत-पाकिस्तान सीमा पर दिखाई दे रहा है।
विशेष रूप से 11वीं कोर, जो भारत-पाक सीमा पर तैनात है, वहां:

  • पैदल सेना रेजिमेंट में सैनिकों की कमी हो गई है।
  • उत्तरी क्षेत्र की पर्वतीय बटालियन में भी मोर्चा संभालने वाले जवानों की संख्या कम हो गई है।
  • फ्रंट लाइन पर तैनात तोपखाना रेजिमेंट भी बल की कमी से जूझ रही है।

इस स्थिति ने पाकिस्तान के लिए सीमा सुरक्षा को एक बड़ी चुनौती बना दिया है।

सैन्य विद्रोह के गहरे कारण?

विश्लेषकों का मानना है कि पाकिस्तान की सेना में ये संकट कुछ गहरे कारणों से उपजा है:

  • असफल नेतृत्व: सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर के कार्यकाल में बार-बार रणनीति और आदेशों में बदलाव से सैनिकों का भरोसा डगमगाया है।
  • आंतरिक गुटबाजी: सेना के भीतर वरिष्ठ अधिकारियों के बीच बढ़ती गुटबाजी ने निचले स्तर पर अनुशासन और एकता को कमजोर किया है।
  • आर्थिक संकट: पाकिस्तान की जर्जर अर्थव्यवस्था ने सैनिकों के वेतन और सुविधाओं पर भी असर डाला है, जिससे असंतोष और बढ़ा है।
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Fact Check on Pakistan Army Resignation

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रहे पत्र ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। लेकिन सवाल ये कि क्या सच में पाकिस्तान सेना में ऐसी कोई बगावत हो रही है ? The Economic Times ने भी इस विषय पर रिपोर्ट तैयार की है। लेकिन रिपोर्ट में पाकिस्तान सेना पर हो रहे दावे को असत्यापित बताया है। वायरल हो रहे इस दावे पर अभी तक पाकिस्तान सेना की ओर से कोई सफाई नहीं दी गई है। इसलिए कुछ लोग इस दावे को सच भी मान रहे हैं। अब पाकिस्तान सेना के इस्तीफे के दावे का सच तो भविष्य में ही पता चलेगा।

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