प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) के प्रशंसकों की संख्या करोड़ों में है, लेकिन हरियाणा के यमुनानगर में सोमवार को एक ऐसा पल देखने को मिला जिसने हर किसी को भावुक कर दिया। ये कहानी है कैथल के रामपाल कश्यप (Rampal Kashyap) की, जिन्होंने नरेंद्र मोदी के लिए एक अनोखा और तपस्वी व्रत लिया था।
रामपाल कश्यप ने 14 साल पहले, 2010 में एक संकल्प लिया था — जब तक नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री नहीं बनते और वे खुद उनसे मिलते नहीं, तब तक वह जूते नहीं पहनेंगे। उनका यह प्रण किसी प्रचार या प्रसिद्धि के लिए नहीं था, बल्कि एक सच्चे श्रद्धालु की भावनाओं से प्रेरित था।
PM Modi के लिए संकल्प
जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब रामपाल कश्यप ने उनका भाषण सुना और तभी उन्होंने ठान लिया कि देश को ऐसा ही नेता चाहिए। उन्होंने मन ही मन एक व्रत लिया — “जब तक मोदी जी प्रधानमंत्री नहीं बनेंगे और मैं खुद उनसे मिल नहीं लूंगा, तब तक जूते नहीं पहनूंगा।”
2014 में नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बन गए। इसके बाद 2019 में दोबारा चुने गए और अब 2024 के बाद तीसरी बार देश की बागडोर उनके हाथों में है। लेकिन रामपाल की मुराद पूरी नहीं हुई थी — मुलाकात अब भी बाकी थी।
अंबेडकर जयंती पर हुई ऐतिहासिक भेंट
8 अप्रैल 2025, अंबेडकर जयंती के दिन, प्रधानमंत्री मोदी हरियाणा के यमुनानगर दौरे पर थे। इस दौरान रामपाल कश्यप को पीएम मोदी से मिलने का अवसर मिला। जैसे ही रामपाल पीएम मोदी के सामने पहुंचे, पीएम ने उन्हें देखते ही मुस्कुराते हुए कहा, “अरे भाई, आपने ऐसा क्यों किया? क्यों खुद को कष्ट देते हो?”
इस मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने रामपाल कश्यप को अपने हाथों से एक जोड़ी नए जूते भेंट किए। रामपाल ने वही जूते पीएम मोदी के सामने पहनकर अपने 14 साल पुराने व्रत को समाप्त किया।
PM Modi ने शेयर किया भावुक वीडियो
इस खास मुलाकात के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो साझा करते हुए लिखा:
“हरियाणा के यमुनानगर में आज कैथल के रामपाल कश्यप जी से मिलने का सौभाग्य मिला। इन्होंने 14 वर्ष पहले एक व्रत लिया था कि ‘मोदी जब तक प्रधानमंत्री नहीं बन जाते और मैं उनसे मिल नहीं लेता, तब तक जूते नहीं पहनूंगा।’ मुझे आज उनको जूते पहनाने का अवसर मिला।”
संदेश दिया – देशहित का प्रण लीजिए
PM Modi ने अपने संदेश में ये भी कहा, “मैं ऐसे सभी साथियों की भावनाओं का सम्मान करता हूं, लेकिन मेरा आग्रह है कि वे इस तरह के व्यक्तिगत कष्ट देने वाले प्रण लेने के बजाय कोई ऐसा संकल्प लें जो समाज या देश के हित में हो।”
PM Modi ने जैसे ही ये वीडियो साझा किया उसके बाद सोशल मीडिया पर ये ट्रेंड हो गया। पीएम मोदी के चाहने वाले लोग जमकर तारीफ करते हुए नजर आए। वहीं कुछ लोग रामपाल कश्यप की निष्ठा और प्रेम की तारीफ भी करते हुए दिखे।
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हरियाणा से जुड़ाव पर बोले PM Modi
यमुनानगर में अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने हरियाणा से अपने पुराने संबंधों को भी याद किया। उन्होंने कहा कि जब वे पार्टी के संगठन में हरियाणा प्रभारी थे, तब अक्सर यमुनानगर आते थे। उन्होंने कहा कि यमुनानगर आज प्लाईवुड उद्योग, पीतल और स्टील उत्पादों के क्षेत्र में देश को आर्थिक मजबूती दे रहा है।
भावना और नेतृत्व का संगम
रामपाल कश्यप की इस कहानी ने ये दिखा दिया कि देश के नेता और जनता के बीच एक भावनात्मक रिश्ता भी होता है। जहां एक ओर रामपाल कश्यप ने प्रधानमंत्री के लिए तपस्या जैसा व्रत निभाया, वहीं प्रधानमंत्री मोदी ने भी उनकी भावना को अपनाते हुए उन्हें ससम्मान जूते पहनाकर एक मानवीय उदाहरण प्रस्तुत किया।
ये मुलाकात सिर्फ एक व्यक्तिगत संकल्प की समाप्ति नहीं थी, बल्कि ये दर्शाती है कि आज भी भारत में राजनीति सिर्फ सत्ता तक सीमित नहीं, बल्कि लोगों के दिलों को छूने वाली भावना भी है।