PM Modi Sri Lanka Visit: मोदी के सामने चलीं तोप, Video देख..

PM Modi Sri Lanka Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम श्रीलंका की धरती पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत अभूतपूर्व अंदाज में किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत को खास बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।

PM Modi Sri Lanka Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम श्रीलंका की धरती पर पहुंचे, जहां उनका स्वागत अभूतपूर्व अंदाज में किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके (Anura Kumara Dissanayake) ने प्रधानमंत्री मोदी के स्वागत को खास बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।

कोलंबो के प्रतिष्ठित इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया गया। उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया—ऐसा सम्मान जो श्रीलंका ने पहले किसी विदेशी मेहमान को नहीं दिया था। बड़ी बात ये है कि पीएम मोदी को तोपों की सलामी भी दी गई। तोप की सलामी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।

एयरपोर्ट पर भव्य स्वागत (PM Modi Grand Welcome)

PM Modi के स्वागत के लिए श्रीलंका सरकार ने एयरपोर्ट पर ही खास तैयारी कर रखी थी। राष्ट्रपति ने अपने पांच मंत्रियों को एयरपोर्ट पर मोदी को रिसीव करने के लिए भेजा। इन मंत्रियों में विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर जैसे वरिष्ठ नेता शामिल थे। ये स्वागत अपने आप में इस बात का संकेत था कि श्रीलंका भारत के साथ अपने संबंधों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है।

भारत-श्रीलंका के बीच वार्ता (India-Srilanka Relations)

कोलंबो पहुंचने के बाद पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा दिसानायके के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच कई अहम समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान हुआ। रक्षा, ऊर्जा, डिजिटलीकरण, व्यापार और कनेक्टिविटी जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को और मजबूत करने की दिशा में बातचीत हुई।

बताया जा रहा है कि कुल मिलाकर करीब 10 क्षेत्रों में सहमति बनने की उम्मीद है, जिनमें सात समझौतों को अंतिम रूप दिया जा चुका है। सबसे अहम बात ये है कि दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को लेकर भी बड़ा समझौता हो सकता है, जो भारत-श्रीलंका रक्षा संबंधों में एक नए युग की शुरुआत करेगा।

भारत की मदद से श्रीलंका को मिला राहत

प्रधानमंत्री मोदी की ये यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब श्रीलंका धीरे-धीरे अपने आर्थिक संकट से बाहर निकल रहा है। तीन साल पहले जब ये द्वीपीय राष्ट्र गंभीर आर्थिक संकट में था, तब भारत ने 4.5 अरब डॉलर की वित्तीय सहायता देकर श्रीलंका की मदद की थी। अब इस यात्रा के दौरान ऋण पुनर्गठन और मुद्रा विनिमय से जुड़े दो अहम दस्तावेज सार्वजनिक किए जाने की संभावना है, जो भारत की स्थायी मित्रता और समर्थन का प्रमाण हैं।

 

भारत की सहायता से बन रही परियोजनाओं का उद्घाटन

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके कोलंबो में भारत की सहायता से विकसित की गई कई परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। इनमें सबसे प्रमुख सामपुर सौर ऊर्जा परियोजना है, जिसका ‘ऑनलाइन’ शिलान्यास दोनों नेता करेंगे। ये परियोजना श्रीलंका को स्वच्छ ऊर्जा की दिशा में मजबूती देगी और भारत-श्रीलंका के तकनीकी सहयोग का प्रतीक बनेगी।

इसके अलावा, दोनों नेता ऐतिहासिक शहर अनुराधापुरा भी जाएंगे, जहां वे महाबोधि मंदिर में पूजा-अर्चना करेंगे और भारत की सहायता से बनी दो और परियोजनाओं का संयुक्त उद्घाटन करेंगे।

साझा भविष्य की साझेदारी पर जोर

इस यात्रा से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने एक बयान में कहा था कि भारत और श्रीलंका का “साझा भविष्य के लिए साझेदारी को बढ़ावा देना” अब मुख्य उद्देश्य है। ये दृष्टिकोण तीन महीने पहले श्रीलंका के राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान तय किया गया था और अब इसी विजन को आगे बढ़ाने के लिए श्रीलंका में पीएम मोदी की ये यात्रा अहम मानी जा रही है।

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चीन की बढ़ती बेचैनी

पीएम मोदी की इस भव्य यात्रा और श्रीलंका द्वारा दिए गए सम्मान को लेकर क्षेत्रीय स्तर पर भी चर्चा तेज है। खासकर चीन की बेचैनी साफ देखी जा सकती है, क्योंकि ये संकेत है कि भारत दक्षिण एशिया में अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को और मजबूत कर रहा है। श्रीलंका जैसे रणनीतिक महत्व वाले देश के साथ भारत की बढ़ती नजदीकियां चीन के प्रभाव को संतुलित करने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी की ये श्रीलंका यात्रा केवल कूटनीतिक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक भी बन गई है। ये भारत और श्रीलंका के रिश्तों को नई दिशा देने वाली साबित हो सकती है—चाहे वो रक्षा क्षेत्र में हो, ऊर्जा में, या डिजिटल साझेदारी में। आने वाले समय में दोनों देशों के बीच यह मजबूत रिश्ता क्षेत्रीय स्थिरता और विकास का नया मॉडल बन सकता है।

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