Vaibhav Suryavanshi कौन है ?, IPL में खेलने का कैसे मिला मौका ?

वैभव ने सिर्फ 5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। पहले उन्होंने समस्तीपुर में अभ्यास किया, फिर उन्हें पटना के जीसस एकेडमी में भेजा गया जहाँ उन्होंने कोच मनीष ओझा से ट्रेनिंग ली।

Vaibhav Suryavanshi Biography : क्रिकेट की दुनिया में हर साल कई नए चेहरे आते हैं, लेकिन कुछ नाम ऐसे होते हैं जो इतिहास रच देते हैं। ऐसा ही एक नाम है वैभव सूर्यवंशी (Vaibhav Suryavanshi), जिन्होंने महज 14 साल की उम्र में IPL में धमाकेदार शतक लगाकर सबको चौंका दिया है। बिहार के छोटे से गांव से निकलकर IPL की चमकती दुनिया में अपनी जगह बनाने वाले वैभव की कहानी संघर्ष, समर्पण और सपनों से भरी हुई है।

जब से Vaibhav Suryavanshi ने शानदार पारी खेली है। तभी से पूरे देश में जमकर उनकी तारीफ कर रहे हैं। ऐसा नहीं है कि सिर्फ Rajasthan Royals के फैंस ही उनकी तारीफ कर रहे हैं। हर टीम के फैंस युवा खिलाड़ी Vaibhav Suryavanshi की तारीफ कर रहे हैं।

Vaibhav Suryavanshi कौन हैं?

वैभव सूर्यवंशी बिहार के समस्तीपुर जिले के मोतीपुर गांव से ताल्लुक रखते हैं। उनका जन्म 27 मार्च 2011 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ। उनके पिता, संजीव सूर्यवंशी, एक समय खुद क्रिकेटर बनना चाहते थे लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उनका सपना अधूरा रह गया। हालांकि उन्होंने अपने बेटे के लिए वो हर मुमकिन कोशिश की जो एक पिता कर सकता है।

संजीव सूर्यवंशी ने मुंबई में एक सुरक्षाकर्मी और बाद में सुलभ शौचालय में काम करके अपने बेटे की ट्रेनिंग का खर्च उठाया। उन्होंने जमीन बेचकर वैभव को क्रिकेट एकेडमी भेजा, ताकि उसका सपना साकार हो सके। Vaibhav Suryavanshi भी अपने माता-पिता के संघर्ष को याद करते हैं। शानदार पारी के बाद Vaibhav Suryavanshi ने अपने माता-पिता का आभार जताया और अपनी कामयाबी का श्रेय दिया।

Vaibhav Suryavanshi की शुरुआत

वैभव ने सिर्फ 5 साल की उम्र में क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। पहले उन्होंने समस्तीपुर में अभ्यास किया, फिर उन्हें पटना के जीसस एकेडमी में भेजा गया जहाँ उन्होंने कोच मनीष ओझा से ट्रेनिंग ली। वैभव के टैलेंट को देखकर कोच भी हैरान रह गए थे। इसके बाद उनका चयन बिहार की अंडर-14 और अंडर-16 टीमों में हुआ। यहाँ उन्होंने कई शानदार पारियां खेलीं और राज्य स्तर पर अपनी पहचान बनाई।

IPL में Vaibhav Suryavanshi की एंट्री

वैभव की असली पहचान बनी जब उन्होंने IPL 2025 की नीलामी में अपनी जगह बनाई। राजस्थान रॉयल्स और दिल्ली कैपिटल्स के बीच जबरदस्त बोली चली और अंत में राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें ₹1.10 करोड़ रुपये में खरीदा। इस बोली के साथ वे IPL इतिहास के सबसे युवा खिलाड़ी बन गए। IPL में उनका पहला मैच ही चर्चा में आ गया जब उन्होंने गुजरात टाइटंस के खिलाफ 38 गेंदों में 101 रन बना डाले।

Vaibhav Suryavanshi Highlights

इस मैच में वैभव ने न सिर्फ अर्धशतक बल्कि तेज़ शतक लगाकर सबको चौंका दिया। उनकी पारी में 11 छक्के और 7 चौके शामिल थे। उन्होंने ओपनिंग पर बल्लेबाजी करते हुए यशस्वी जायसवाल के साथ 166 रनों की साझेदारी भी की। ये पारी उन्हें न सिर्फ स्टार बना गई बल्कि उन्होंने यूसुफ पठान के 37 गेंदों वाले शतक के रिकॉर्ड को भी कड़ी टक्कर दी।

क्रिकेट जगत की प्रतिक्रिया

वैभव की पारी के बाद सोशल मीडिया पर क्रिकेट फैंस और दिग्गजों ने उनकी तारीफों के पुल बांध दिए। सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह, और हरभजन सिंह जैसे खिलाड़ियों ने उन्हें भविष्य का सितारा बताया। राजस्थान रॉयल्स के कोच राहुल द्रविड़ ने कहा, “वैभव में वो आत्मविश्वास और धैर्य है जो किसी अनुभवी खिलाड़ी में होता है। उसकी उम्र देखकर कोई नहीं कह सकता कि वो केवल 14 साल का है।”

इतनी कम उम्र में कैसे मिला IPL का मौका?

वैभव की मेहनत और घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के चलते ही उन्हें मौका मिला। उन्होंने भारत की U-19 टीम के लिए ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक शतक जड़ा था, जिससे उन्हें नेशनल मीडिया में पहचान मिली। फ्रेंचाइज़ियों की स्काउट टीमों की नज़र पहले से ही वैभव पर थी। जैसे ही उन्हें नीलामी में शामिल किया गया, टीमों ने उन पर बोली लगाने में देर नहीं की।

वैभव सूर्यवंशी का परिवार

वैभव की कामयाबी के पीछे सबसे बड़ा हाथ उनके माता-पिता का है। उनके पिता ने अपनी ज़िंदगी के कई साल सिर्फ बेटे के करियर को बनाने में लगा दिए। मां ने हर सुबह वैभव को स्कूल और अभ्यास के लिए तैयार किया, खाना बनाया और मानसिक रूप से भी उसे मजबूत किया।

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वैभव सूर्यवंशी की जाति

वैभव सूर्यवंशी का संबंध हिंदू सूर्यवंशी जाति से है, जो उत्तर भारत में एक सम्मानित क्षत्रिय समुदाय माना जाता है। उनके परिवार की पृष्ठभूमि खेती और छोटे व्यवसाय से जुड़ी रही है, लेकिन आज उनका नाम पूरे देश में क्रिकेट के क्षेत्र में चमक रहा है। वैभव सूर्यवंशी की उम्र भले ही कम हो, लेकिन उनका हुनर किसी अनुभवी खिलाड़ी से कम नहीं है। यदि उन्हें सही मार्गदर्शन, प्रशिक्षण और मानसिक मजबूती मिलती रही, तो वे निश्चित तौर पर भारतीय क्रिकेट टीम के एक मजबूत स्तंभ बन सकते हैं।

वैभव सूर्यवंशी की कहानी सिर्फ क्रिकेट की नहीं, बल्कि एक सपने की कहानी है—एक पिता के त्याग की, एक बेटे की मेहनत की और एक छोटे गांव से निकले बड़े जज़्बे की। 14 साल का यह खिलाड़ी आज हर युवा के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को सच करना चाहता है। राजस्थान रॉयल्स ने न केवल एक खिलाड़ी को खरीदा है, बल्कि भारतीय क्रिकेट के भविष्य की नींव रखी है। देश को अब इस युवा सितारे से बहुत उम्मीदें हैं।

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