इस साल जन्माष्टमी पर रोहिणी नक्षत्र और अष्टमी तिथि का संयोग बन रहा है, जिससे पर्व का महत्व बढ़ेगा।
ज्योतिषीय योग
श्रीकृष्ण के जन्म के समय कारागार के द्वार खुल गए, पहरेदार सो गए और वासुदेव उन्हें नंदगांव ले गए।
उपवास, रात्रि 12 बजे पूजा, माखन-मिश्री का भोग और भजन-कीर्तन से भगवान का स्वागत किया जाता है।
उपवास से शरीर-मन शुद्ध होता है। फल, दूध, माखन और सूखे मेवे का सेवन किया जाता है।