नई दिल्ली – भारत और पाकिस्तान के बीच Ceasefire हो गया है। जैसे ही ये ख़बर लोगों के बीच पहुंची लोग इसके बारे में जानने की कोशिश करने लगे। सबसे बड़ा लोगों के बीच है कि आखिर सीजफायर क्या होता है? सीजफायर तोड़ने पर क्या होगा ? तो चलिए आज हम इसके बारे में विस्तार से जानने की कोशिश करते हैं। दरअसल, भारत और पाकिस्तान के बीच एक बार फिर से सीजफायर (Ceasefire) की घोषणा हुई है। 2025 में बॉर्डर पर बढ़ते तनाव और आतंकी हमलों के बाद दोनों देशों ने सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने का फैसला लिया है।
विदेश सचिव विक्रम मिसरी (Vikram Misri) ने जानकारी दी कि दोनों देशों के DGMO (Director General of Military Operations) के बीच 3:35 PM पर बातचीत हुई और शाम 5 बजे से युद्धविराम लागू हो गया। आपको याद होगा 22 अप्रैल को पाकिस्तान के पाले हुए आतंकवादियों ने पहलगाम में हमला किया था। जिसका बदला भारत की सेना ने Operation Sindoor करके लिया था। इसके बाद पाकिस्तान चोरी छीपे भारत पर हमले की कोशिश कर रहा था। लेकिन भारत की सेना ने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम कर दिया। जिसके बाद आज सीजफायर पर मुहर लगी है।
“Pakistan’s DGMO called Indian DGMO at 15:35 hours earlier this afternoon. It was agreed between them that both sides would stop all firing and military action on land, in the air & sea with effect from 1700 hours IST. Instructions have been given on both sides to give effect to… https://t.co/rEhleUtOXq pic.twitter.com/zUhZ3X0R0g
— ANI (@ANI) May 10, 2025
Ceasefire क्या होता है? | What is Ceasefire?
सीजफायर का मतलब होता है युद्ध या सैन्य कार्रवाई को अस्थायी या स्थायी रूप से रोकना। ये फैसला आमतौर पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों या राजनीतिक नेतृत्व के बीच बातचीत के बाद होता है। Ceasefire Declaration का उद्देश्य होता है शांति स्थापित करना, नुकसान को कम करना और आगे बातचीत का रास्ता खोलना।
Ceasefire तोड़ने पर क्या होता है?
अगर कोई देश सीजफायर का उल्लंघन करता है, तो उसे कई तरह के परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं:
- जवाबी कार्रवाई (Retaliation): दूसरा देश सीधा सैन्य जवाब देता है।
- डिप्लोमैटिक प्रेशर: अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस देश की आलोचना होती है।
- Loss of Trust: भविष्य में बातचीत का भरोसा खत्म हो जाता है।
- भारत का मानना है कि एक बार सीजफायर तोड़ने पर आगे किसी भी बातचीत का आधार कमजोर हो जाता है।
भारत-पाकिस्तान के बीच कब-कब सीजफायर हुआ है?
भारत और पाकिस्तान के बीच अब तक कई बार Ceasefire हुआ है। आइए जानते हैं कुछ प्रमुख उदाहरण:
- 1949: संयुक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में पहली बार सीजफायर हुआ था।
- 1965 और 1971: युद्ध के बाद शांति समझौतों के तहत युद्धविराम लागू हुआ।
- 2003: Atal Bihari Vajpayee सरकार के दौरान एक बड़ा सीजफायर हुआ।
- 2021: दोनों देशों ने DGMO स्तर पर समझौता किया।
- 2025: अब एक बार फिर अमेरिका की मध्यस्थता में दोनों देश सीमाओं पर फायरिंग रोकने को राजी हुए हैं।

भारत-पाकिस्तान का युद्ध रुक गया?
टेक्निकली, भारत और पाकिस्तान के बीच कोई आधिकारिक युद्ध नहीं चल रहा था, बल्कि LOC (Line of Control) और IB (International Border) पर लगातार फायरिंग, ड्रोन अटैक और घुसपैठ हो रही थी। Ceasefire से इन सैन्य गतिविधियों पर रोक लगाई गई है, लेकिन इसे युद्ध का अंत नहीं माना जा सकता। जब तक स्थायी शांति समझौता नहीं होता, तब तक इसे अस्थायी राहत ही माना जाएगा।
भारत-पाकिस्तान सीजफायर की शर्तें?
विदेश मंत्रालय और सेना के अनुसार, इस बार की Ceasefire Agreement की मुख्य बातें ये हैं:
- तीनों क्षेत्रों (जल, थल, वायु) में सैन्य कार्रवाई रोकना।
- शाम 5 बजे से फायरिंग, ड्रोन ऑपरेशन या कोई भी आक्रामक कार्रवाई नहीं होगी।
- 12 मई को फिर से DGMO स्तर की बातचीत होगी, आगे की रणनीति के लिए।
- भारत ने ये फैसला अपनी शर्तों पर लिया है।
क्या प्रतिबंध हटा दिए गए हैं?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत ने जो कड़े प्रतिबंध पाकिस्तान पर लगाए थे, वो अभी भी जारी रहेंगे:
- पानी (Water Sharing): भारत अब पाकिस्तान को सिंधु जल संधि के तहत जल विज्ञान से जुड़ी कोई जानकारी साझा नहीं करेगा। भारत ने तीन उत्तरी नदियों पर अपने जल प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने का फैसला लिया है।
- ट्रेड और डिप्लोमेसी (Trade & Diplomacy): भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापारिक संबंध और वीजा फैसिलिटी बंद कर दी थी, वो यथावत रहेगी।
- वित्तीय प्रतिबंध (Financial Sanctions): पाकिस्तानी संस्थानों और लेन-देन पर जो प्रतिबंध लगाए गए थे, वो भी जारी रहेंगे।
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने ये कड़े एक्शन लिए थे।
India’s Revised War Doctrine
एक बड़ी डिप्लोमैटिक जीत भारत के खाते में तब आई जब अमेरिका ने भारत के नए युद्ध सिद्धांत (War Doctrine) को औपचारिक रूप से मान्यता दी। अब भारत के लिए: “कोई भी बड़ा आतंकवादी हमला सीधा युद्ध की कार्रवाई मानी जाएगी और भारत उस पर सैन्य जवाब देने के लिए स्वतंत्र होगा।” इससे पाकिस्तान को स्पष्ट संदेश गया है कि भविष्य में कोई भी आतंकी हरकत महंगी पड़ सकती है।
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भारत को क्या मिला?
- आक्रामक नीति पर कायम रहते हुए शांति की दिशा में बढ़ना।
- अंतरराष्ट्रीय समुदाय में Responsible Power की छवि बनी।
- सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों को राहत।
- अमेरिका जैसे ताकतवर देश की नीति समर्थन।
पाकिस्तान की स्थिति
- घरेलू दबाव से कुछ राहत मिली।
- अंतरराष्ट्रीय आलोचना से कुछ बचाव।
- आर्थिक और सैन्य हालात बिगड़ते देख बातचीत की जरूरत महसूस की।
What Next After Ceasefire
- 12 मई को अगली बातचीत में आगे की रणनीति तय होगी।
- भारत की कड़ी नजर LOC और पाकिस्तानी गतिविधियों पर बनी रहेगी।
- Ceasefire का भविष्य इस बात पर निर्भर करेगा कि पाकिस्तान इसका ईमानदारी से पालन करता है या नहीं।
सीजफायर एक सकारात्मक कदम है, लेकिन ये तब तक प्रभावी नहीं होगा जब तक इसे ईमानदारी से लागू न किया जाए। भारत ने अपनी रणनीति में कोई ढील नहीं दी है – न जल, न व्यापार, न आतंकवाद पर। भारत स्पष्ट कर चुका है कि अब किसी भी आतंकी हमले को युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा। ऐसे में यह युद्धविराम एक अवसर है, लेकिन अगर फिर से सीजफायर तोड़ा गया, तो अगली प्रतिक्रिया कहीं ज्यादा गंभीर हो सकती है।