PM Modi on POK: नई दिल्ली – भारत सरकार ने एक बार फिर अपना सख्त रुख साफ कर दिया है कि जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir Issue) से जुड़ा कोई भी मामला भारत और पाकिस्तान (India Pakistan Bilateral Issue) के बीच ही द्विपक्षीय (Bilateral Talks) तरीके से सुलझेगा। किसी भी Third Party, चाहे वो United Nations (UN) हो या America, को इसमें कोई भूमिका नहीं दी जाएगी। PM Modi on POK का बयान आज हर किसी जुबान पर है। हर भारतीय अपने POK को वापस लेने की मांग कर रहा है।
मंगलवार को Foreign Ministry के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने मीडिया को साफ शब्दों में बताया कि पाकिस्तान को PoK (Pakistan Occupied Kashmir) छोड़ना ही पड़ेगा। भारत का ये रुख नया नहीं है, बल्कि लंबे समय से भारत की नीति रही है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। PM Modi on POK पाकिस्तान को क्या संदेश गया है ? ये भी बेहद अहम है।
Ceasefire Agreement का सच
विदेश मंत्रालय ने ये भी बताया कि 10 मई को दोनों देशों के डीजीएमओ (Director General Military Operations) के बीच Hotline पर बातचीत हुई थी। इस बातचीत में सीजफायर (Ceasefire Agreement) पर सहमति बनी। पाकिस्तान की तरफ से बातचीत का अनुरोध 10 मई सुबह 12:37 बजे आया था। पाकिस्तानी सेना हॉटलाइन से संपर्क नहीं कर पा रही थी, इसलिए भारत की सहमति से दोपहर 15:35 बजे ये बातचीत फिक्स की गई।
भारत ने साफ किया कि पाकिस्तान की ये बातचीत एक मजबूरी थी क्योंकि उसी दिन Indian Air Force ने PoK में आतंकियों के Launch Pad और पाकिस्तान की Air Force Installations पर Effective और Accurate Strikes किए थे। इन हमलों के बाद पाकिस्तान को भारतीय सेना (Indian Army) की ताकत का अहसास हुआ और उसने फायरिंग रोकने की अपील की।
आतंकवाद के खिलाफ भारत का साफ संदेश
विदेश मंत्रालय ने ये भी क्लियर किया कि भारत ने सभी अंतरराष्ट्रीय मंचों पर यही संदेश दिया है कि भारत केवल आतंकी ढांचे (Terrorist Infrastructure) पर हमले कर रहा है, पाकिस्तान की आम जनता या सेना पर नहीं। लेकिन अगर पाकिस्तानी सेना फायरिंग करेगी, तो भारत जवाब देने से पीछे नहीं हटेगा। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) के समय भी पाकिस्तान को यही संदेश दिया गया था, लेकिन उन्होंने उसे नजरअंदाज किया।
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ट्रंप के बयान पर भारत का दो टूक
जब अमेरिका (USA) के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) के कश्मीर (Kashmir Mediation) पर कथित बयान को लेकर सवाल पूछा गया, तो भारत ने फिर से साफ कर दिया कि जम्मू-कश्मीर से जुड़ा हर मसला India-Pakistan के बीच का है। इसमें किसी भी बाहरी देश का कोई रोल नहीं हो सकता।
रणधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान ने PoK को अवैध रूप से कब्जाया हुआ है और उसे खाली करना ही होगा। भारत इस पर Compromise नहीं करेगा। इसी बयान के बाद सोशल मीडिया पर PM Modi on POK ट्रेंड हो रहा है। लोग जमकर पाकिस्तान के खिलाफ भड़ास निकाल रहे हैं और जल्द ही POK को खाली करने की मांग कर रहे हैं।
भारत ने अमेरिका से की सिर्फ Security पर बात
7 से 10 मई के दौरान ऑपरेशन सिंदूर के बीच India-US leaders की जो बातचीत हुई, उसमें केवल सैन्य स्थिति (Military Situation) पर चर्चा हुई थी। किसी भी तरह का व्यापार (Trade) या द्विपक्षीय संबंध (Bilateral Relations) से जुड़ा मुद्दा नहीं उठा।
पाकिस्तान को Warning
भारत ने पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की India के Military Action पर की गई टिप्पणी को भी सख्ती से खारिज किया। भारत ने कहा कि जो देश Terrorism को decades से पाल रहा है, वह अगर यह समझता है कि वह इसके परिणामों से बच जाएगा, तो वह खुद को धोखा दे रहा है।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जिन आतंकियों के Infrastructure को भारत ने तबाह किया, वे सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया भर में मासूम लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार थे (PM Modi on POK)। अब एक New Normal (नई स्थिति) बन चुकी है और पाकिस्तान जितनी जल्दी इसे स्वीकार करेगा, उसके लिए उतना ही बेहतर होगा।
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Indus Water Treaty पर India का फैसला
भारत ने सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) पर भी अपना नजरिया साफ कर दिया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि 23 अप्रैल को CCS (Cabinet Committee on Security) के निर्णय के अनुसार, भारत ने तय किया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद (Cross Border Terrorism) को सपोर्ट करना स्थायी रूप से बंद नहीं करता, भारत इस संधि को सस्पेंड (Suspend Indus Water Treaty) ही रखेगा।
UN PoK वापस लेने में Help कर सकता है?
अब सवाल उठता है कि क्या PoK वापस लेने में United Nations कोई भूमिका निभा सकता है? इस पर भारत का नजरिया बहुत स्पष्ट है।
- भारत का दावा मजबूत है: जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है, जिस पर पाकिस्तान ने गैरकानूनी कब्जा कर रखा है। 1948 में भी UN Security Council ने केवल पाकिस्तान से कहा था कि वह PoK खाली करे और फिर जनमत संग्रह पर बात हो सकती है, लेकिन पाकिस्तान ने कभी PoK नहीं छोड़ा।
- UN अब केवल symbolic: आज की स्थिति में United Nations की भूमिका केवल symbolic (प्रतीकात्मक) ही रह गई है। PoK को वापस लेने के लिए भारत को अपने Military, Diplomatic और Strategic Pressure का उपयोग करना होगा।
- India का रास्ता साफ: भारत ने कई बार साफ किया है कि वह PoK के मुद्दे पर किसी तीसरे पक्ष या UN की मध्यस्थता को स्वीकार नहीं करता। भारत के पास PoK को वापस लेने का एकमात्र रास्ता है – मजबूत सैन्य और कूटनीतिक दबाव।
Pakistan को PoK खाली करना ही होगा
भारत का ये रुख बिल्कुल साफ है कि चाहे ट्रंप हों, UN हो या कोई और देश, जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और इसमें किसी बाहरी पक्ष की कोई भूमिका नहीं होगी (PM Modi on POK)। पाकिस्तान को PoK खाली करना ही होगा। भारत आतंकवाद को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं करेगा। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि New India अब केवल Words में नहीं बल्कि Actions में भी Strong है।