One Nation One Election क्या है?, क्या है सरकार का प्लान?

1951-52 से लेकर 1967 तक भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ होते थे। लेकिन 1968-69 में कुछ राज्य सरकारें समय से पहले गिर गईं, जिससे यह चुनाव चक्र टूट गया। तब से अब तक देश में हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं।
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नई दिल्ली – One Nation One Election, यानी “एक राष्ट्र, एक चुनाव” भारत की चुनावी व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव लाने की योजना है। इस विचार का उद्देश्य है कि देश में Lok Sabha और सभी State Assemblies के चुनाव एक साथ कराए जाएं। फिलहाल देश में अलग-अलग समय पर अलग-अलग राज्यों में चुनाव होते हैं, जिससे न केवल संसाधनों की बर्बादी होती है, बल्कि लगातार चुनावी माहौल बना रहता है। आज हम One Nation One Election से जुड़े हर सवाल का जवाब जानने की कोशिश करते हैं।

One Nation One Election Kya Hai?

One Nation One Election योजना का मकसद है कि पूरे देश में एक ही समय पर लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जाएं। इससे न केवल चुनावी खर्च में भारी कटौती होगी, बल्कि प्रशासन पर दबाव भी कम होगा। चुनाव आयोग के लिए ये बेहद आसान और पार्दर्शी होगा।

इतिहास और पृष्ठभूमि

1951-52 से लेकर 1967 तक भारत में लोकसभा और विधानसभा चुनाव साथ-साथ (One Nation One Election) होते थे। लेकिन 1968-69 में कुछ राज्य सरकारें समय से पहले गिर गईं, जिससे ये चुनाव चक्र टूट गया। तब से अब तक देश में हर साल कहीं न कहीं चुनाव होते रहते हैं।

क्यों जरूरी है एक साथ चुनाव?

  1. चुनावी खर्च में कमी: बार-बार चुनाव कराने में सरकार को भारी खर्च करना पड़ता है। अगर एक साथ चुनाव हों, तो अरबों रुपये की बचत हो सकती है।
  2. प्रशासनिक मशीनरी पर बोझ कम होगा: हर चुनाव में पुलिस, चुनाव अधिकारी, EVM, सुरक्षा व्यवस्था जैसी कई तैयारियाँ करनी पड़ती हैं।
  3. आचार संहिता का बार-बार असर नहीं होगा: हर चुनाव में आचार संहिता लागू हो जाती है जिससे सरकारी योजनाएं रुक जाती हैं। एक बार में चुनाव होने से यह दिक्कत नहीं होगी।
  4. विकास कार्यों में निरंतरता: बार-बार चुनाव आ जाने से विकास कार्य प्रभावित होते हैं। One Nation One Election से यह बाधा नहीं आएगी।

क्या कहती है कोविंद समिति की रिपोर्ट?

2023 में मोदी सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नेतृत्व में One Nation One Election पर एक समिति बनाई थी जिसने 2024 में अपनी रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट में One Nation One Election पर बताया गया कि:

  • संवैधानिक संशोधन की जरूरत होगी
  • राज्यों की सहमति जरूरी होगी
  • Election Commission को extra resources चाहिए होंगे
  • EVM और VVPAT की संख्या बढ़ानी होगी

क्या-क्या चुनौतियाँ सामने हैं?

  1. संविधान में बदलाव जरूरी: संविधान के कुछ अनुच्छेद जैसे कि Article 83, Article 172 में संशोधन करना पड़ेगा।
  2. राज्यों की सहमति: कुछ राज्य सरकारें इसे अपनी स्वायत्तता पर हमला मानती हैं और विरोध करती हैं।
  3. Logistics और Manpower की समस्या: एक साथ पूरे देश में चुनाव कराने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा बल, चुनाव अधिकारी, और संसाधन चाहिए।
  4. राजनीतिक सहमति की कमी: विपक्षी दलों का कहना है कि इससे केंद्र सरकार को फायदा मिलेगा और यह संघीय ढांचे को कमजोर करेगा।

क्या कहते हैं आंकड़े?

One Nation One Election पर Election Commission की रिपोर्ट के मुताबिक एक साथ चुनाव कराने पर:

  • ₹5,000 करोड़ से ज़्यादा की बचत होगी
  • EVM की ज़रूरत लगभग 40 लाख यूनिट की होगी
  • चुनाव कराने में लगने वाला समय कम होगा
  • मतदाता टर्नआउट भी बढ़ सकता है

क्या हैं इससे संभावित फायदे?

फायदे विवरण
खर्च की बचत एक बार में चुनाव कराकर पैसे बचाए जा सकते हैं
प्रशासनिक सुविधा मशीनरी पर बार-बार दबाव नहीं पड़ेगा
मतदाता भागीदारी टर्नआउट बढ़ सकता है
विकास की गति आचार संहिता बार-बार लागू नहीं होगी

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राजनीतिक प्रतिक्रिया

  • NDA सरकार: मोदी सरकार इस पहल के पक्ष में है और इसे 2025 या उसके बाद लागू करने का रोडमैप बना रही है।
  • विपक्षी पार्टियाँ: कांग्रेस, TMC, DMK जैसे दलों ने इस पर आपत्ति जताई है और इसे असंवैधानिक करार दिया है।

आने वाले कदम क्या हो सकते हैं?

  • संसद में संविधान संशोधन बिल लाया जा सकता है
  • राज्य विधानसभाओं से सहमति ली जा सकती है
  • Election Commission को logistics तैयार करने को कहा जा सकता है
  • 2025 में कुछ राज्यों के साथ pilot शुरू किया जा सकता है

क्या 2025 में लागू हो सकता है?

One Nation One Election पर ये कहना अभी जल्दी होगा। लेकिन सरकार की मंशा साफ है कि आने वाले कुछ वर्षों में One Nation One Election लागू किया जाए। यदि 2025 तक राजनीतिक सहमति बन गई और संसदीय प्रक्रिया पूरी हो गई, तो 2029 का लोकसभा चुनाव शायद राज्यों के चुनावों के साथ हो सकता है।

‘Ek Rashtra, Ek Chunav’ एक bold कदम है जो भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था को streamline कर सकता है। हालांकि इसमें बहुत सारी चुनौतियाँ हैं लेकिन सही रणनीति और सभी पार्टियों की सहमति से इसे हकीकत में बदला जा सकता है। अब One Nation One Election पर आप क्या सोचते हैं जरूर बताएं।

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