ईरान – ये अतीफेह रजबी सहलीह (Atefeh Rajabi Sahaaleh) की तस्वीरें हैं, जो एक बेहद त्रासद और मानवाधिकारों से जुड़े मामले में तब सुर्खियों में आईं थी। हर व्यक्ति जिसकी नसों में ज़रा भी मानवता दौड़ रही है, इस कहानी को सुनकर सिहर जाएगा। अन्याय के खिलाफ खड़े हो जाएं; ये लड़ाई सिर्फ एक लड़की की नहीं, बल्कि इंसानियत के अस्तित्व की है।
Atefeh Rajabi Sahaaleh कौन थीं ?, उनकी मौत कब और कैसे हुई ? आज ऐसे ही सवालों के जवाब जानने की कोशिश करेंगे। Bharat Viral News आज आपको बताएगा कि, कैसे Atefeh Rajabi Sahaaleh के श्राप की वजह से ईरान 23 साल के बाद भी खून के आंसू रो रहा है। रो ही नहीं रहा है अतीहेफ जैसी हजारों बेटियों के दर्द की वजह से अंतिम सांस ले रहा है।
Atefeh Rajabi Sahaaleh का बचपन
अतीफेह का जन्म 21 सितंबर 1987 को ईरान के नेका (Neka) में हुआ था। वो मात्र 16 वर्ष की थी जब 15 अगस्त 2004 को उसे फाँसी दे दी गई। उसका बचपन दुखों से भरा था। जब वो पांच साल की थी, तब एक कार दुर्घटना में उसकी मां की मृत्यु हो गई। कुछ समय बाद उसका छोटा भाई नदी में डूब गया।

वो अपने पिता और दादा-दादी के साथ रहती थी। सुबह के वक्त उसका परिवार काम पर चला जाता था, और वो अकेली घर पर रह जाती थी। तभी 51 वर्षीय अली दराबी नाम के एक रिटायर्ड सुरक्षा गार्ड की नजर उस पर पड़ी। उसने अकेली देखकर मासूम अतीफेह के साथ बलात्कार किया और धमकी दी कि अगर उसने किसी को बताया तो उसके परिवार को मार दिया जाएगा। ये सिलसिला पूरे तीन साल तक चला।
पुलिस और कोर्ट ने किया और अत्याचार
जब अतीफेह ने अपने परिवार को इस बारे में बताया, तो उन्होंने उसे चुप रहने को कहा। लेकिन जब अली दराबी की हरकतें बर्दाश्त से बाहर हो गईं, तो उसके पिता ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। लेकिन ईरान के शरिया कानून के अनुसार, Crimes against chastity (सतीत्व के खिलाफ अपराध) में पीड़िता को ही सजा मिलती है, जब तक वो यह साबित न कर दे कि उसने अपनी मर्जी से ये नहीं किया।
इसलिए, पुलिस ने अली दराबी को छोड़कर अतीफेह को ही गिरफ्तार कर लिया। जेल में उसके साथ और भी अमानवीय व्यवहार हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, पुलिसकर्मियों ने उसे प्रताड़ित किया और उसके साथ बलात्कार भी किया। जब उसकी दादी उससे मिलने पहुंची, तो अतीफेह ने बताया कि उसे इतना टॉर्चर किया जाता था कि वो चल भी नहीं पाती थी।

कोर्ट का फैसला और सरेआम फांसी
मई 2003 में, अदालत ने अतीफेह को दोषी ठहराया। जब उसने अपने हिजाब को उतारकर जज के सामने विरोध किया, तो जज हाजी रेजाई (Haji Rezai) ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। गुस्से में आकर अतीफेह ने अपनी जूती जज की ओर फेंक दी। इस पर जज ने तुरंत उसे फांसी की सजा सुना दी।
15 अगस्त 2004 को, अतीफेह को सार्वजनिक रूप से एक क्रेन से लटकाकर फांसी दे दी गई। उसका जन्म प्रमाणपत्र 16 साल की उम्र दिखा रहा था, लेकिन अदालत ने उसे 22 साल का बताकर फांसी दी, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का सीधा उल्लंघन था।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और मानवाधिकार उल्लंघन
– एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इस मामले को नाबालिग की फांसी बताया और कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पूरी नहीं हुई।
– BBC ने “Execution of a Teenage Girl” नामक एक डॉक्यूमेंट्री बनाई, जिसमें इस मामले को दुनिया के सामने लाया गया।
– अतीफेह के शव को दफनाने के बाद भी चोरी कर लिया गया, और बाद में उसे मरणोपरांत माफी दी गई।
ईरान में महिलाओं की स्थिति
अतीफेह का मामला अकेला नहीं है। ईरान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार आम है।
महसा अमिनी का मामला (2022):
– 22 वर्षीय Jina Mahsa Amini को “नैतिकता पुलिस” (Morality Police) ने हिजाब न पहनने के आरोप में गिरफ्तार किया।
– हिरासत में उसकी मौत हो गई, जिसके बाद पूरे ईरान में विरोध प्रदर्शन हुए।
– अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने ईरान सरकार की कड़ी निंदा की।
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ईरान में इंसानियत की लड़ाई जारी
अतीफेह रजबी सहलीह की कहानी सिर्फ एक लड़की की नहीं, बल्कि उन हजारों महिलाओं की है जो ईरान जैसे देशों में शरिया कानून के नाम पर अत्याचार झेल रही हैं। हमें इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठानी चाहिए, क्योंकि ये सिर्फ एक देश की नहीं, बल्कि पूरी मानवता की लड़ाई है।

ऐसी ही हजारों बेटियों के दर्द की आह आज ईरान को सता रही है। लोगों का मानना है कि, ईरान ने अपने देश में महिलाओं का बहुत उत्पीड़न किया है। यही वजह है कि, ईरान में आए दिन हादसे होते रहते हैं, कई देशों के साथ युद्ध चल रहे हैं। लोगों के दावे बेशक भावनात्मक हों, लेकिन ये सच है कि, बेटियों के अत्याचार का हिसाब एक न एक दिन तो देना ही होता है।
शायद यही वजह है कि, ईरान और अमेरिका के बीच में तेजी के साथ संबंध खराब हो रहे हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के खिलाफ सख्त कदम उठाने के आदेश दिए हैं। वहीं इजराइल भी लंबे समय से ईरान को जख्म दे रहा है। ईरान के अत्याचारों पर आपके क्या विचार हैं कमेंट में जरूर बताएं।