Sindhu Water Agreement : तो फिर होने वाला है पाकिस्तान और भारत के बीच युद्ध?

Sindhu Water Agreement पर भारत और पाकिस्तान का विवाद नया नहीं है। ये लंबे अरसे दोनों देशों के बीच चल रहा है। पाकिस्तान के लिए ये पानी बेहद अहम है। जबकि भारत आतंकवाद का विरोध कर रहा है।
Sindhu Water Agreement Bharat Viral News

: भारत पाकिस्तान के बीच विवाद अभी थमता नजर नहीं आ रहा है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद जो कदम भारत सरकार ने उठाए थे। उन्हीं की वजह से पाकिस्तान युद्ध के लिए फिर मैदान में आने की धमकी दे रहा है। लेकिन सवाल उठता कि, आखिर ऐसा कौनसा कदम है, जिसकी वजह से पाकिस्तान फिर युद्ध के लिए तैयारी कर रहा है ? ये विवाद Sindhu Water Agreement से जुड़ा हुआ है। चलिए Bharat Viral News पर ये जानने की कोशिश करते हैं।

सिंधु वॉटर अग्रीमेंट पर तनाव

  • क्षेत्रीय संदर्भ: भारत-पाकिस्तान के बीच वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि (Indus Water Treaty) पर एक बार फिर विवाद भड़क गया है। इसके अनुसार भारत को पूर्वी नदियों (ब्यास, रावी, सतलुज) और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों (इंद्र, चिनाब, झेलम) का पानी उपयोग करने का अधिकार है।
  • ताजा तकरार का कारण: अप्रैल 2025 में भारत सरकार ने पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद Sindhu Water Agreement फिलहाल के लिए स्थगित (suspend) कर दी थी।
  • अंततः, पाकिस्तान के PPP नेता और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने नया विवाद खड़ा करते हुए “यदि सिंधु जल बहाल नहीं किया गया तो पाकिस्तान सभी छह नदियों से पानी लेगा और भारत को युद्ध के लिए तैयार रहना चाहिए” तक कह डाला।

पाकिस्तान की धमकी का जवाब

बिलावल भुट्टो का बयान

  • “सिंधु नदी का पानी रोका गया तो पाकिस्तान छहों नदियों पर कब्ज़ा कर लेगा।”
  • “अगर भारत सहमत नहीं होगा तो ‘खून बहेगा’ — पानी नहीं!”

भारत की प्रतिक्रिया (मंत्री सीआर पाटिल)

  • बोले, “पानी कहीं नहीं जाएगा, जो कहना है कह लोगे!”
  • तर्क दिया कि पाकिस्तान को धमकाने की बजाय संघर्ष के परिणाम भुगतने होंगे।
  • केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने स्पष्ट कर दिया कि सिंधु जल संधि पुनः सक्रिय नहीं की जाएगी।

Sindhu Water Agreement का इतिहास

संधि की पृष्ठभूमि

  • 1960 में हस्ताक्षर, वर्ल्ड बैंक के मध्यस्थता में।
  • भारत को पूर्वी नदियों से, पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों से पानी लेने का अधिकार।

इसके लाभ

  • न्यूनतम विवाद और स्थिर जल आवंटन।
    -दशकों तक क्षेत्रीय शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण योगदान।
  • पाकिस्तान को सूखे की स्थिति और भारत को बिजली उत्पादन में सुविधा।

वर्तमान नेता कैसे देखते हैं इस संधि को

  • भारत को लग रहा है कि पाकिस्तान की आतंकवाद‑केंद्रित गतिविधियाँ जल राजनीति के माध्यम से दबाएं जा रही हैं।
  • पाकिस्तान की धमकियों के पीछे राजनीतिक रणनीति और लोकल विज्ञापन का इशारा भी किया गया है।
Sindhu Water Map Bharat Viral News
Sindhu Water Map Bharat Viral News

सिंधु जल समझौते को क्यों नकारा हैभारत ने?

  1. पहलगाम आतंकवादी हमले की प्रतिक्रिया
    • 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले के खिलाफ घोर प्रतिक्रिया के रूप में यह कदम उठाया गया।
  2. राजनीतिक संदेश
    • भारत ने स्पष्ट रूप से कह दिया है, “पानी कहीं नहीं जाएगा।” यह पाकिस्तान के खिलाफ एक मजबूत रुख जताता है।
  3. लोक-धारणा बदलना
    • भारत अब चाहते हैं कि पाकिस्तान आतंकवाद बनाए रखने की कीमत चुका पाए, चाहे वह जल समस्या हो या फिर कूटनीतिक तनाव।
  4. सुरक्षा की चिंता
    • पाकिस्तान के युद्ध‑धमकी संदेश से भारत को सीमावर्ती जल सुरक्षा के खतरे का आभास हुआ है।

क्या है पाकिस्तान की रणनीति?

  • बिलावल भुट्टो के आक्रामक बयान सिर्फ़ राजनीति तक सीमित नहीं है, बल्कि पानी को हथियार के रूप में इस्तेमाल करने की रणनीति पर केंद्रित है।
  • लेकिन भारत की स्पष्ट नीति के चलते Sindhu Water Agreement पर ऐसी धमकियों का कोई दम नहीं है।

ये भी पढ़ें – Atefeh Rajabi Sahaaleh का श्राप, 23 साल बाद भी भुगत रहा ईरान

अब आगे क्या होगा?

1. संयुक्त राष्ट्र में सामने आ सकता है विवाद

  • इस संधि का उल्लंघन नेशनल सार्वभौमिक संधियाँ अनुच्छेद 36 और 364 के दायरे में आ सकता है।

2. दक्षिण एशिया के जल भविष्य का नया दृष्टिकोण

  • भविष्य में भारत, चीन और नेपाल जैसे सहयोगियों के साथ साझा जल संसाधनों की नई संधियाँ बनाने की संभावना।

3. आतंकी हमले की साजेस्ट्रेगा

  • जल राजनीति पर प्रभाव स्पष्ट है: आतंकवाद-रोधी दृष्टिकोण और साइबर व स्पेस डिटेक्शन से सुरक्षा कड़ी करना।

भारत ने पानी सुनिश्चित किया

  • भारत ने स्पष्ट रूप से सरकार और विपक्ष में आवाज दे, Sindhu Water Agreement को बहाल नहीं किया जाएगा।
  • पाकिस्तान को गीदड़भभकी का जवाब समय रहते मजबूत राजनीति और सार्वजनिक रुख से मिला।
  • अंततः ये एक पानी की शक्ति’ की समस्या नहीं, बल्कि समय की हवा में चलती कूटनीति की लड़ाई बनी हुई है।

Sindhu Water Agreement पर भारत और पाकिस्तान का विवाद नया नहीं है। ये लंबे अरसे दोनों देशों के बीच चल रहा है। पाकिस्तान के लिए ये पानी बेहद अहम है। जबकि भारत आतंकवाद का विरोध कर रहा है। पाकिस्तान के द्वारा पोषित आतंकवाद भारत में शांति बिगाड़ने की कोशिश में रहते हैं। लेकिन भारतीय सेना लगातार ऐसे लोगों को नाकाम कर रही है। Sindhu Water Agreement पर आपके क्या विचार हैं कमेंट में जरूर बताएं।

author avatar
Mohit Singh Author
Mohit Singh Chaudhary is a seasoned journalist with over 10 years of experience in the media industry. Throughout his career, he has worked with several reputed news organizations, including India News, Zee News, ANB National, Khabar Fast, Citizen Voice, OK India, HCN News, and VK News.
Share it :

सम्बंधित ख़बरें