US Tariffs on India : ट्रंप ने बढ़ाया टैरिफ, भारत पर असर ?

US Tariffs on India : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में 'मुक्ति दिवस' (Liberation Day) की घोषणा करते हुए भारत, चीन, जापान और यूरोपीय संघ सहित कई देशों से आयातित उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने की नई नीति पेश की। इस नई नीति के तहत, भारत से आने वाले उत्पादों पर 26% शुल्क लगाया जाएगा।

US Tariffs on India : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप () ने बुधवार को व्हाइट हाउस के रोज गार्डन में ‘मुक्ति दिवस’ (Liberation Day) की घोषणा करते हुए भारत, चीन, जापान और यूरोपीय संघ सहित कई देशों से आयातित उत्पादों पर भारी टैरिफ लगाने की नई नीति पेश की। इस नई नीति के तहत, भारत से आने वाले उत्पादों पर 26% शुल्क लगाया जाएगा।

‘मुक्ति दिवस’ का ऐलान और Trump का संदेश

व्हाइट हाउस में आयोजित एक विशेष समारोह में राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “मेरे प्रिय अमेरिकियों, आज का दिन ‘मुक्ति दिवस’ के रूप में इतिहास में दर्ज होगा। यह वह दिन है जब अमेरिकी उद्योग का पुनर्जन्म हुआ, हमारी अर्थव्यवस्था को नई दिशा मिली और अमेरिका को फिर से समृद्ध बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई।”

उन्होंने इस नीति को अमेरिका की आर्थिक स्वतंत्रता की ओर एक बड़ा कदम बताया। ट्रंप का मानना है कि यह फैसला अमेरिकी कंपनियों और श्रमिकों के हित में लिया गया है, जिससे घरेलू उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और विदेशी उत्पादों की निर्भरता कम होगी।

US Tariffs on India

राष्ट्रपति ट्रंप ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना “सबसे अच्छा दोस्त” बताते हुए भी ये कहा कि भारत अमेरिका के साथ सही व्यवहार नहीं कर रहा है। उनका आरोप है कि भारत अमेरिकी उत्पादों पर 52% तक का शुल्क लगाता है, जबकि अमेरिका भारतीय उत्पादों पर अब तक अपेक्षाकृत कम शुल्क लगाता रहा है। इसी असमानता को दूर करने के लिए अमेरिका ने भारत पर 26% टैरिफ (US Tariffs on India) लगाने का फैसला किया है।

किन देशों पर कितना टैरिफ लगाया गया?

नए ‘पारस्परिक टैरिफ’ (Reciprocal Tariffs) नीति के तहत, विभिन्न देशों से आयातित वस्तुओं पर अलग-अलग टैरिफ दरें लागू की गई हैं:

देश टैरिफ (%)
भारत 26%
चीन 34%
यूरोपीय संघ 20%
जापान 24%
ताइवान 22%
इजरायल 17%

नई नीति का असर क्या होगा?

भारत और अमेरिका के व्यापारिक संबंधों पर प्रभाव

अमेरिका का ये कदम भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्तों को प्रभावित कर सकता है। पहले से ही कई व्यापारिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच असहमति रही है, और ये नया टैरिफ नीति इन संबंधों में और तनाव पैदा कर सकती है।

भारतीय कंपनियों पर असर

नई टैरिफ नीति (US Tariffs on India) से भारतीय कंपनियों के लिए अमेरिकी बाजार में व्यापार करना महंगा हो जाएगा। विशेष रूप से वे कंपनियां जो अमेरिका में अपने उत्पादों का बड़ा निर्यात करती हैं, उन्हें अधिक टैक्स देने के कारण प्रतिस्पर्धा में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है।

अमेरिकी उपभोक्ताओं पर प्रभाव

टैरिफ बढ़ने (US Tariffs on India) से अमेरिका में भारतीय उत्पाद महंगे हो सकते हैं, जिससे अमेरिकी उपभोक्ताओं को अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है। वहीं, कई अमेरिकी कंपनियां जो भारत से कच्चा माल या तैयार उत्पाद आयात करती हैं, उनकी लागत भी बढ़ सकती है।

क्या अंतरराष्ट्रीय व्यापार युद्ध की संभावना है?

इस फैसले के बाद भारत सहित अन्य प्रभावित देश जवाबी कदम उठा सकते हैं और अमेरिकी उत्पादों पर टैरिफ बढ़ा सकते हैं। इससे वैश्विक व्यापार युद्ध की स्थिति बन सकती है, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ेगी।

हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप का दावा है कि उनकी ये नीति अमेरिकी अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए आवश्यक है। उन्होंने कहा, “हमने इससे भी ज्यादा शुल्क लगाने की योजना बनाई थी, लेकिन हमने इसे सीमित रखा। ये टैरिफ नीति अमेरिका के हित में है और इससे हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।”

Trump की नीति पर क्या बोले विशेषज्ञ ?

कई अर्थशास्त्रियों का मानना है कि ये नीति अमेरिका को दीर्घकालिक रूप से नुकसान पहुंचा सकती है। उनका कहना है कि उच्च टैरिफ से अमेरिका के व्यापारिक साझेदारों के साथ संबंध कमजोर हो सकते हैं, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इसके अलावा, कई अमेरिकी कंपनियां जो विदेशी बाजारों में व्यापार करती हैं, वे भी प्रतिशोधी टैरिफ का सामना कर सकती हैं, जिससे उनके मुनाफे पर असर पड़ेगा।

आगे क्या होगा?

भारत सरकार और अन्य प्रभावित देशों की प्रतिक्रिया इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण होगी। यदि भारत अमेरिका के इस कदम के खिलाफ कड़े फैसले लेता है, तो दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और जटिल हो सकते हैं।

इस बीच, ये देखना दिलचस्प होगा कि वैश्विक व्यापार जगत इस नीति पर कैसी प्रतिक्रिया देता है और क्या अमेरिका का ये कदम वास्तव में घरेलू अर्थव्यवस्था को लाभ पहुंचाता है या नहीं।

 

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Narendra Niru
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