Rooh Afza पाकिस्तान में बनता है?, सेहत के लिए कितना खतरनाक

Fact Check on Rooh Afza :  भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में लोकप्रिय पेय पदार्थ रूह अफ़ज़ा को गर्मियों के मौसम और रमज़ान के दौरान खास तौर पर पिया जाता है। इसका गुलाबी रंग और मीठा स्वाद इसे एक ट्रेडिशनल ड्रिंक बना देता है।

Fact Check on Rooh Afza :  भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में लोकप्रिय पेय पदार्थ रूह अफ़ज़ा को गर्मियों के मौसम और रमज़ान के दौरान खास तौर पर पिया जाता है। इसका गुलाबी रंग और मीठा स्वाद इसे एक ट्रेडिशनल ड्रिंक बना देता है। लेकिन हाल के दिनों में इससे जुड़ी सेहत संबंधी चिंताओं और कानूनी विवादों ने इसे सुर्खियों में ला दिया है।

इतना ही नहीं Rooh Afza के पाकिस्तान में बनने पर भी विवाद हो रहा है। योग गुरु बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने एक बयान से इस विवाद को जन्म दिया है। बाबा रामदेव ने रूह अफ़ज़ा को जिहादी बताया और भारत में बने पेय की तारीफ की। तो सवाल उठता है – क्या वाकई रूह अफ़ज़ा हमारी सेहत के लिए खतरनाक है?

Rooh Afza में कितनी चीनी?

रूह अफ़ज़ा को हर्बल ड्रिंक के रूप में प्रमोट किया जाता है, लेकिन Rooh Afza की सबसे बड़ी खामी इसकी अत्यधिक चीनी मात्रा है। एक रिपोर्ट के अनुसार, रूह अफ़ज़ा सिरप में लगभग 67.5% चीनी होती है। ये मात्रा किसी भी आम इंसान की रोज़ की चीनी की सिफारिशित खपत से कहीं ज्यादा है।

ज्यादा चीनी से हो सकते हैं ये खतरे:

  • टाइप 2 डायबिटीज़
  • मोटापा
  • हृदय संबंधी रोग
  • दांतों की सड़न

विशेषज्ञों का मानना है कि रोजाना अधिक मात्रा में रूह अफ़ज़ा पीने से ये बीमारियाँ गंभीर रूप ले सकती हैं।

कृत्रिम रंग का सेहत पर कैसा असर?

सोडियम बेंजोएट – एक विवादित प्रिज़र्वेटिव

रूह अफ़ज़ा में सोडियम बेंजोएट नाम का संरक्षक भी मौजूद है। ये आमतौर पर फूड इंडस्ट्री में इस्तेमाल होता है, लेकिन कुछ शोध बताते हैं कि ये शरीर में ऑक्सीडेटिव तनाव (oxidative stress) और DNA डैमेज का कारण बन सकता है।

Artificial Colours – कोचीनियल रेड और टार्ट्राजीन

रूह अफ़ज़ा में मिलने वाले कृत्रिम रंग जैसे E124 (कोचीनियल रेड), E122 (कार्मोइसिन) और E102 (टार्ट्राजीन) एलर्जी और हाइपरएक्टिविटी जैसे लक्षणों को जन्म दे सकते हैं, खासकर बच्चों में।

बांग्लादेश में हमदर्द पर लगे आरोप

बांग्लादेश में रूह अफ़ज़ा की निर्माता कंपनी हमदर्द पर झूठे विज्ञापन देने का आरोप लगा है। ढाका साउथ सिटी कॉरपोरेशन (DSCC) के मुताबिक रूह अफ़ज़ा के विज्ञापनों में जिन औषधीय जड़ी-बूटियों का जिक्र किया गया है, वे वास्तव में उसमें मौजूद नहीं हैं।

रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि रूह अफ़ज़ा का सेवन डायबिटीज़ के मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

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पाकिस्तान में बना रूह अफ़ज़ा: भारत में बैन क्यों?

हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने अमेज़न इंडिया को आदेश दिया कि वो पाकिस्तान में निर्मित रूह अफ़ज़ा की बिक्री तत्काल बंद करे। कोर्ट ने पाया कि ये उत्पाद भारत के Food Safety and Standards Act के मानकों पर खरा नहीं उतरता।

साथ ही, इस प्रोडक्ट के लेबल पर निर्माता की पूरी जानकारी भी उपलब्ध नहीं थी, जो एक बड़ा खाद्य सुरक्षा उल्लंघन माना गया।

Rooh Afza: कभी-कभी चलेगा, रोज़ नहीं!

स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि रूह अफ़ज़ा का सीमित सेवन ही सुरक्षित है। ये गर्मी में ताज़गी देने वाला ड्रिंक जरूर है, लेकिन रोज़ाना या अधिक मात्रा में इसका सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं को न्योता दे सकता है। यदि आप शुगर, ब्लड प्रेशर या एलर्जी जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं, तो बेहतर है कि आप रूह अफ़ज़ा से दूरी बनाएँ या इसका सेवन डॉक्टर की सलाह पर करें।

विकल्प क्या हैं?

यदि आप ताज़गी भरा लेकिन हेल्दी पेय ढूंढ रहे हैं, तो रूह अफ़ज़ा की जगह निम्नलिखित विकल्प बेहतर हो सकते हैं:

  • घर का बना नींबू पानी (कम चीनी के साथ)
  • बेल शरबत
  • आम पन्ना
  • नारियल पानी
  • सादे फलों के रस

क्या रूह अफ़ज़ा सेहत के लिए खतरनाक है?

रूह अफ़ज़ा कोई ज़हर नहीं है, लेकिन इसकी चीनी और कृत्रिम रसायनों से भरपूर सामग्री इसे रोज़ाना के लिए उपयुक्त पेय नहीं बनाती। कभी-कभी खास मौकों पर ठंडक पाने के लिए इसका इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसे हेल्दी विकल्प समझकर रोज़ाना सेवन करने से बचना चाहिए।

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Narendra Niru
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