Boys Hostel में सूटकेस से आई लड़की की आवाज.. बैग खोलकर देखा

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में हॉस्टल की गैलरी में वो लड़की सूटकेस से बाहर आती दिख रही है और गार्ड व अन्य छात्र वीडियो बनाते नज़र आ रहे हैं। इस तरह की वीडियो क्लिप्स कुछ ही मिनटों में इंस्टाग्राम, ट्विटर और व्हाट्सएप पर छा गईं।

Boys Hostel से जुड़ी आपकी भी कई यादें होंगी। लेकिन सोनीपत की एक यूनिवर्सिटी में एक ऐसा कांड हो गया है। जिसकी वजह से ये यूनिवर्सिटी पूरे देश में बदनाम हो गई है। जी हां, एक निजी युनिवर्सिटी के Boys Hostel में ये चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी  में एक छात्र अपनी गर्लफ्रेंड को चुपचाप बॉयज हॉस्टल में लाने की कोशिश कर रहा था।

छात्र ने इसके लिए ऐसा तरीका अपनाया, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। छात्र ने अपनी प्रेमिका को सूटकेस में बंद कर हॉस्टल के अंदर ले जाने की कोशिश की। ये कोई फिल्मी सीन नहीं था, बल्कि असली ज़िंदगी में हुआ एक खतरनाक स्टंट था, जो यूनिवर्सिटी की सख्त सुरक्षा व्यवस्था की वजह से नाकाम हो गया।

Boys Hostel में क्या हुआ था?

हॉस्टल के गेट पर तैनात एक सिक्योरिटी गार्ड को उस समय शक हुआ जब छात्र सूटकेस लेकर अंदर जाने लगा। अचानक सूटकेस किसी चीज़ से टकराया और अंदर से लड़की की आवाज आई—हल्की चीख सुनते ही गार्ड अलर्ट हो गया। गार्ड ने तुरंत सूटकेस खोलने को कहा, और जैसे ही चेन खोली गई, अंदर से एक लड़की बाहर निकली। वो उस छात्र की गर्लफ्रेंड थी।

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Boys Hostel का वीडियो वायरल

इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। वीडियो में हॉस्टल की गैलरी में वो लड़की सूटकेस से बाहर आती दिख रही है और गार्ड व अन्य छात्र वीडियो बनाते नज़र आ रहे हैं। इस तरह की वीडियो क्लिप्स कुछ ही मिनटों में इंस्टाग्राम, ट्विटर और व्हाट्सएप पर छा गईं।

कुछ लोग इस पर मजाकिया मीम्स बना रहे हैं, तो कुछ इस हरकत की गंभीरता को समझते हुए चिंता भी जता रहे हैं।

यूनिवर्सिटी की सफाई

जब मीडिया ने इस पर सवाल उठाए, तो यूनिवर्सिटी के पब्लिक रिलेशन ऑफिसर (PRO) ने कहा, “ये कोई बड़ी बात नहीं है। छात्र मस्ती कर रहे थे। हमारी सिक्योरिटी मजबूत है, इसीलिए ये पकड़ा गया। किसी ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है।”

लेकिन सवाल ये है कि क्या किसी को सूटकेस में बंद करना सिर्फ “मस्ती” कहा जा सकता है?

ये सिर्फ शरारत नहीं, खतरा है

मनोवैज्ञानिकों और मेडिकल एक्सपर्ट्स के अनुसार, किसी भी इंसान को लंबे समय तक सीमित जगह, जैसे बैग या सूटकेस में बंद करना जानलेवा हो सकता है। ऑक्सीजन की कमी, दम घुटना, घबराहट और हार्ट अटैक तक का खतरा होता है।

युवाओं के बीच वायरल ट्रेंड्स या “थ्रिल” के नाम पर ऐसी हरकतें न केवल गैर-जिम्मेदाराना हैं, बल्कि किसी की जान भी ले सकती हैं।

ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी पहले भी विवादों में रही है

ये पहला मौका नहीं है जब ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी किसी विवाद में आई हो।
फरवरी 2025 में रैगिंग का एक मामला सामने आया था, जिसमें छह सीनियर छात्रों ने एक जूनियर छात्र की बेल्ट से पिटाई कर दी थी। पुलिस ने बाद में सभी आरोपी छात्रों को गिरफ्तार किया था।

इन घटनाओं से ये सवाल उठता है कि देश की टॉप यूनिवर्सिटी मानी जाने वाली संस्थाएं क्या युवाओं को सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि ज़िम्मेदारी भी सिखा रही हैं?

युवाओं के लिए सबक

आज की सोशल मीडिया पीढ़ी के लिए ये घटना सिर्फ एक वायरल वीडियो नहीं है। ये एक चेतावनी है—थोड़ी सी मस्ती कब बड़ी गलती बन जाए, पता भी नहीं चलता। किसी इंसान को सूटकेस में बंद करना उसकी सेहत और जान के साथ खिलवाड़ है।
इस घटना में भले ही किसी की जान नहीं गई, लेकिन सोचिए अगर गार्ड टाइम पर न पकड़ता तो क्या हो सकता था?

कॉलेज और यूनिवर्सिटी का मतलब सिर्फ पढ़ाई नहीं, बल्कि जीवन की समझ भी है। आज के युवाओं को ये सोचना होगा कि “फन” और “फूलिशनेस” में फर्क होता है। अगर मस्ती जानलेवा बन जाए, तो वो मस्ती नहीं, मूर्खता कहलाती है।

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