Pahalgam Attack : पहलगाम, श्रीनगर- 9 जून 2024 की वो काली सुबह जब जम्मू-कश्मीर के पहलगाम इलाके में आतंकियों ने निर्दोष तीर्थयात्रियों और स्थानीय नागरिकों पर अंधाधुंध गोलियां बरसाईं। इस नृशंस हमले में 27 लोगों की मौत और 30 से अधिक घायल होने की खबर ने न केवल पूरे देश को स्तब्ध कर दिया, बल्कि एक बार फिर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खतरनाक एजेंडे को उजागर कर दिया। ये घटना केवल एक आतंकी हमला मात्र नहीं थी, बल्कि उस सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत पाकिस्तानी प्रतिष्ठान कश्मीर में अस्थिरता पैदा करने के लिए प्रॉक्सी युद्ध लड़ रहा है। पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान ने अपनी सेना को अलर्ट पर कर दिया है।
इतना ही नहीं पाकिस्तान ने हमले के बाद सफाई देनी भी शुरू कर दी है और इस हमले से खुद को अलग करने की कोशिश की है। तो वहीं मोदी सरकार भी हमले के बाद से लगातार सुरक्षा को लेकर बैठक कर रही है। साथ ही तीनों सेनाओं को अलर्ट किया गया है ताकि किसी भी हालात को संभाला जा सके।
पहलगाम हमले पर पाकिस्तान का पहला बयान
1. Pahalgam Attack पर ख्वाजा आसिफ का बयान
Pahalgam Attack के बाद पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ (Khawaja Asif) ने जिस तरह से मीडिया को संबोधित किया, वो इस्लामाबाद की दोहरी नीति को स्पष्ट रूप से उजागर करता है। उनके बयान के मुख्य बिंदु:
– “Pahalgam Attack पर हमारा हमले से कोई लेना-देना नहीं” का रटा-रटाया बयान
– “भारत के अपने लोगों द्वारा किया गया हमला” जैसा अतार्किक दावा
– नागालैंड, मणिपुर और कश्मीर में भारत सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों को हवा देने की कोशिश
– अल्पसंख्यकों के उत्पीड़न का निराधार आरोप
2. Pahalgam Attack से पहले सेना प्रमुख का भड़काऊ बयान
इससे पहले 16 अप्रैल को पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने कश्मीर को “पाकिस्तान की जीवन रेखा” बताते हुए कहा था कि वे कश्मीरियों को “भारतीय कब्जे के खिलाफ संघर्ष में अकेला नहीं छोड़ेंगे”। ये बयान स्पष्ट रूप से पाकिस्तान की आक्रामक नीति को दर्शाता है।
पाकिस्तान का आतंकवादी ट्रैक रिकॉर्ड
1. 1990 के दशक से चली आ रही रणनीति
पाकिस्तान ने 1990 के दशक से ही कश्मीर में अलगाववाद और आतंकवाद को बढ़ावा देने की नीति अपनाई। आईएसआई द्वारा प्रशिक्षित और वित्त पोषित आतंकी संगठनों ने घाटी में हिंसा का सिलसिला शुरू किया।
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2. प्रमुख आतंकी हमलों की समयरेखा
पिछले तीन दशकों में पाकिस्तान समर्थित आतंकवाद के कुछ प्रमुख उदाहरण:
1. 2001 जम्मू-कश्मीर विधानसभा हमला (38 मरे)
2. 2008 मुंबई 26/11 हमला (166 निर्दोषों की मौत)
3. 2016 उरी सैन्य छावनी हमला (19 जवान शहीद)
4. 2019 पुलवामा आत्मघाती हमला (40 सीआरपीएफ जवानों की शहादत)
5. 2022 राजौरी में नागरिकों पर हमला (7 मौतें)
आतंक पर पाकिस्तान की हालत खराब
1. FATF की ग्रे लिस्ट में शामिल होना
पाकिस्तान को वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) द्वारा कई वर्षों तक ग्रे लिस्ट में रखा गया, जो आतंकवाद को वित्तपोषित करने के उसके ट्रैक रिकॉर्ड को दर्शाता है।
2. संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान बेनकाब
भारत ने बार-बार संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान पर आतंकवाद को प्रश्रय देने का आरोप लगाया है। 2019 में पुलवामा हमले के बाद भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक के माध्यम से स्पष्ट संदेश दिया था।
भारत की सुरक्षा रणनीति और प्रतिकार
1. सीमा पार सर्जिकल स्ट्राइक
2016 और 2019 में भारत ने पीओके में सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकवाद के खिलाफ नई रणनीति अपनाई।
2. जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों की कार्रवाई
स्थानीय सुरक्षा बलों ने हाल के वर्षों में सैकड़ों आतंकियों को ढेर किया है और उनके नेटवर्क को ध्वस्त किया है।
पहलगाम हमला केवल एक आतंकी घटना नहीं बल्कि पाकिस्तान की उस सुनियोजित रणनीति का हिस्सा है जिसके तहत वह कश्मीर में अस्थिरता पैदा करना चाहता है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय को पाकिस्तान पर आर्थिक और राजनीतिक दबाव बनाने की आवश्यकता है ताकि वो आतंकवाद को समर्थन देना बंद करे। भारत को अपनी सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत करने के साथ-साथ कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति पर काम करना चाहिए।
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