Hapur Madrasa में 14 साल की बच्ची से रेप, मौलाना पर आरोप

हापुड़ का ये मामला एक बार फिर समाज के सामने बच्चों की सुरक्षा का सवाल खड़ा करता है। चाहे Madrasa हो या कोई अन्य शिक्षण संस्थान, बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का शोषण नहीं होना चाहिए। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।
Hapur Madrasa Bharat Viral News

हापुड़ – में एक बार फिर एक मासूम बच्ची का शिकार हुआ है। हापुड़ जिले के गढ़मुक्तेश्वर थाना क्षेत्र में 14 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया है। दुष्कर्म का आरोप मदरसे के ही मौलाना पर लगा है। इतना ही नहीं आरोपी मौलाना ने इस घिनौनी हरकत का वीडियो भी बना लिया। आरोप है कि, मौलाना ने बाद में उस वीडियो को वायरल कर दिया।

बताया जा रहा है कि, बच्ची मदरसे में पढ़ने के लिए जाती थी। लेकिन एक दिन आरोपी मौलाना ने बच्ची को पढ़ाने के बहाने एक अलग कमरे में बुलाया। यहीं आरोपी ने पीड़िता के साथ जबरन दुष्कर्म किया और किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी थी। घटना के बाद से ही पीड़िता सदमे में रहने लगी। लेकिन जैसे ही इस केस का खुलासा हुआ तो इलाके में हड़कंप मच गया।

Madrasa में बच्ची से रेप

पीड़िता के परिजनों ने बताया कि कुछ दिनों से लड़की गुमसुम रहने लगी थी और Madrasa जाने से कतराने लगी थी। जब परिवार ने उससे पूछताछ की, तो वो रोने लगी। इसके बाद मौलाना ने लड़की का एक अश्लील वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, जिससे पूरा मामला सामने आया।

Maulana पर पुलिस का एक्शन

पीड़िता के परिजनों ने गढ़मुक्तेश्वर थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत मिलते ही पुलिस ने आरोपी मौलाना को गिरफ्तार कर लिया। जांच में उसके मोबाइल से पीड़िता के कई अश्लील वीडियो बरामद हुए। फिलहाल, आरोपी को जेल भेज दिया गया है और मामले में विधिक कार्रवाई जारी है।

Madrasa क्या होता है?

Madrasa इस्लामिक शिक्षा का एक केंद्र होता है जहां बच्चों को धार्मिक शिक्षा के साथ-साथ कुरान, हदीस, अरबी भाषा और इस्लामिक कानून की जानकारी दी जाती है। भारत में लाखों मदरसे हैं, जहां गरीब और मध्यम वर्ग के मुस्लिम बच्चे निशुल्क शिक्षा प्राप्त करते हैं। हालांकि, कुछ मदरसों में बच्चों के साथ शोषण और दुर्व्यवहार के मामले भी सामने आते रहे हैं।

मदरसों में बच्चों के शोषण के मामले

ये पहली बार नहीं है जब किसी Madrasa में बच्चों के साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया हो। पिछले कुछ वर्षों में देश के विभिन्न हिस्सों से ऐसी घटनाएं सामने आई हैं। हम आपके चंद ऐसी घटनाओं की जानकारी देते हैं:

1. पश्चिम बंगाल (2022): एक मदरसे के शिक्षक पर 10 साल के बच्चे के साथ यौन शोषण का आरोप लगा था।
2. बिहार (2021): एक मदरसे में बच्चों को शारीरिक प्रताड़ना देने और भोजन न देने के आरोप सामने आए थे।
3. केरल (2020): एक मदरसे के प्रबंधक पर कई छात्राओं के साथ यौन शोषण का मामला दर्ज किया गया था।

 

Exploitation in Madrasa Bharat Viral News
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मदरसों पर कदम उठाने की जरूरत

इन घटनाओं के बाद मदरसों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर सवाल उठने लगे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि:
– मदरसों में CCTV कैमरे लगाए जाने चाहिए।
– शिक्षकों का पुलिस वेरिफिकेशन होना चाहिए।
– बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में जागरूक करना चाहिए।
– मदरसों का सरकारी निरीक्षण होना चाहिए।

हापुड़ का ये मामला एक बार फिर समाज के सामने बच्चों की सुरक्षा का सवाल खड़ा करता है। चाहे Madrasa हो या कोई अन्य शिक्षण संस्थान, बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का शोषण नहीं होना चाहिए। पुलिस और प्रशासन को ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों। हालांकि कुछ लोग मदरसे बंद करने की मांग करते हैं। ऐसे लोगों का दावा है कि, धार्मिक शिक्षा से देश का भला नहीं होगा।

मदरसे बंद करने के परिणाम क्या होंगे?

भारत में Madrasa इस्लामिक शिक्षा का प्रमुख स्रोत हैं, जहां लाखों मुस्लिम बच्चों को धार्मिक और बुनियादी शिक्षा मुफ्त में दी जाती है। अगर मदरसे बंद कर दिए जाएं, तो इसके कई प्रभाव होंगे:

1. शिक्षा से वंचित हो जाएंगे गरीब बच्चे
– अधिकांश मदरसे गरीब और मध्यम वर्ग के मुस्लिम परिवारों के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देते हैं।
– इनके बंद होने से लाखों बच्चों की पढ़ाई बाधित होगी, क्योंकि उनके पास प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का विकल्प नहीं होगा।

2. धार्मिक शिक्षा का संकट
– मदरसों में कुरान, हदीस, अरबी भाषा और इस्लामिक इतिहास की शिक्षा दी जाती है।
– इनके बंद होने से मुस्लिम समुदाय के बच्चों को अपनी धार्मिक शिक्षा से वंचित होना पड़ सकता है।

3. रोजगार पर असर
– कई मदरसों से पढ़े हुए छात्र मस्जिदों में इमाम, मौलवी या इस्लामिक स्कॉलर बनते हैं।
– मदरसों के बंद होने से इस तरह के रोजगार के अवसर कम हो जाएंगे।

4. सामाजिक असंतोष बढ़ सकता है
– मदरसों को बंद करने का फैसला मुस्लिम समुदाय में नाराजगी पैदा कर सकता है।
– इससे समाज में धार्मिक तनाव बढ़ने का खतरा हो सकता है।

क्या इस्लामिक शिक्षा बच्चों के लिए खतरनाक है?

इस्लामिक शिक्षा अपने आप में खतरनाक नहीं है, लेकिन कुछ Madrasa में पढ़ाई जाने वाली शिक्षा और प्रबंधन पर सवाल उठाए जाते रहे हैं:

1. कट्टरपंथी विचारधारा का प्रभाव
– कुछ मदरसों में बच्चों को रूढ़िवादी और कट्टरपंथी विचार सिखाए जाते हैं।
– कुछ मामलों में बच्चों को जिहाद और हिंसक विचारधारा से जोड़ने की कोशिश की गई है।

2. आधुनिक शिक्षा की कमी
– अधिकांश मदरसों में गणित, विज्ञान, अंग्रेजी और कंप्यूटर जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाते।
– इससे बच्चे आधुनिक शिक्षा और रोजगार के अवसरों से वंचित रह जाते हैं।

3. शोषण और दुर्व्यवहार के मामले
– कई मदरसों में बच्चों के साथ शारीरिक प्रताड़ना, यौन शोषण और भोजन की कमी की शिकायतें सामने आई हैं।
– कुछ मामलों में मदरसा प्रबंधन बच्चों को मजदूरी के लिए भी इस्तेमाल करता है।

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मदरसों से निकले बच्चे क्या करते हैं?

मदरसों से पढ़ाई पूरी करने वाले बच्चों के लिए कई करियर विकल्प होते हैं:

1. धार्मिक नेतृत्व
– कई छात्र मस्जिदों में इमाम, खतीब या मौलवी बनते हैं।
– कुछ इस्लामिक विद्वान (आलिम) बनकर फतवा देने का काम करते हैं।

2. शिक्षण क्षेत्र
– कई छात्र मदरसों में ही शिक्षक बन जाते हैं।
– कुछ अरबी और उर्दू भाषा सिखाने का काम करते हैं।

3. सरकारी नौकरियां
– कुछ छात्र UPSC, SSC या राज्य स्तरीय परीक्षाओं की तैयारी करते हैं।
– वक्फ बोर्ड और अल्पसंख्यक आयोग जैसी संस्थाओं में नौकरी करते हैं।

4. अन्य व्यवसाय
– कई छात्र छोटे-मोटे व्यवसाय (दुकानदारी, हस्तशिल्प) शुरू करते हैं।
– कुछ अरब देशों में मजदूरी या नौकरी करने चले जाते हैं।

क्या मदरसों में सुधार की जरूरत है?

Madrasa बंद करने के बजाय उन्हें आधुनिक शिक्षा से जोड़ने की जरूरत है। सरकार और समाज को मिलकर निम्न कदम उठाने चाहिए:
मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ना (गणित, विज्ञान, कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू करना)।
बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करना (सीसीटीवी, शिकायत बॉक्स, महिला शिक्षिकाएं नियुक्त करना)।
सरकारी अनुदान और निरीक्षण बढ़ाना ताकि मदरसे बेहतर ढंग से चल सकें।

Madrasa में सुधार करके ही हम बच्चों को बेहतर भविष्य दे सकते हैं, न कि उन्हें बंद करके।

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Mohit Singh Author
Mohit Singh Chaudhary is a seasoned journalist with over 10 years of experience in the media industry. Throughout his career, he has worked with several reputed news organizations, including India News, Zee News, ANB National, Khabar Fast, Citizen Voice, OK India, HCN News, and VK News.
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