Murshidabad Riots: वक्फ के नाम पर दंगा, हिंदू बने निशाना?

हिंसा के चलते कई लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए थे। लेकिन अब पुलिस और प्रशासन के प्रयासों से धीरे-धीरे विस्थापित परिवार घर लौट रहे हैं। अब तक 19 परिवारों की वापसी सुनिश्चित की जा चुकी है।

Murshidabad Riots: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और आसपास के ज़िलों में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bills) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन लगातार हिंसक रूप लेता जा रहा है। हालात को काबू में लाने के लिए प्रशासन ने सख्त कदम उठाए हैं। राज्य पुलिस ने अब तक इस मामले में 200 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया है। ये जानकारी खुद बंगाल पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम (Javed Shamim) ने दी।

 

मुर्शिदाबाद के अलावा मालदा, दक्षिण 24 परगना और उत्तर 24 परगना जिलों में भी तनाव की स्थिति बनी हुई है। हालात को शांत करने के लिए पुलिस बल की तैनाती बढ़ाई गई है और लगातार रूट मार्च किए जा रहे हैं। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं ताकि स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा सके।

Murshidabad Riots- पुलिस से हुई झड़प

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भांगर, मिनाखा, संदेशखली और ढाका जैसे इलाकों से ऑल इंडिया सेक्युलर फ्रंट (ISF) के कार्यकर्ता और स्थानीय लोग कोलकाता के रामलीला मैदान में विरोध प्रदर्शन के लिए एकत्र हो रहे थे। लेकिन जब उन्हें बीच रास्ते में रोका गया, तो प्रदर्शनकारियों ने पुलिस को घेर लिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिससे स्थिति और तनावपूर्ण हो गई।

कई जगहों पर पथराव की घटनाएं भी सामने आईं, जिसके चलते स्थानीय दुकानें बंद हो गईं और लोगों में डर का माहौल फैल गया।

Murshidabad Riots- इंटरनेट सेवा बंद

ADG जावेद शमीम ने बताया कि सोशल मीडिया पर कुछ “निहित स्वार्थी तत्वों” द्वारा अफवाहें फैलाने की कोशिश की जा रही है, जिससे जनता में और ज़्यादा भय और भ्रम फैल रहा है। इन अफवाहों को रोकने के लिए कुछ संवेदनशील इलाकों में इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।

उन्होंने ये भी कहा कि पुलिस का मकसद किसी भी निर्दोष नागरिक को नुकसान पहुंचाए बिना स्थिति को नियंत्रण में लाना है। उन्होंने नागरिकों से अपील की कि वे किसी भी भड़काऊ सूचना पर ध्यान न दें और कानून-व्यवस्था बनाए रखने में प्रशासन का सहयोग करें।

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विस्थापित परिवारों की वापसी शुरू

हिंसा के चलते कई लोग अपने घरों को छोड़ने को मजबूर हो गए थे। लेकिन अब पुलिस और प्रशासन के प्रयासों से धीरे-धीरे विस्थापित परिवार घर लौट रहे हैं। अब तक 19 परिवारों की वापसी सुनिश्चित की जा चुकी है। प्रशासन की प्राथमिकता है कि सभी प्रभावित लोगों की सुरक्षित वापसी हो और उनके पुनर्वास की प्रक्रिया जल्द पूरी हो।

भांगर में तनाव, CAA के खिलाफ प्रदर्शन रोका गया

दक्षिण 24 परगना जिले के भांगर क्षेत्र में भी तनाव की स्थिति पैदा हो गई। ISF के समर्थक नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध में कोलकाता जाने की तैयारी में थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें रोका। इसके बाद पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई, जिससे स्थानीय स्तर पर तनाव और बढ़ गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, विरोध कर रहे लोगों को ये आशंका है कि वक्फ संशोधन विधेयक और CAA जैसे कानूनों से अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों पर असर पड़ेगा। यही वजह है कि कई इलाकों में लगातार विरोध प्रदर्शन देखे जा रहे हैं।

Murshidabad Riots पर सरकार की नजर

राज्य सरकार लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। हालांकि विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर कानून-व्यवस्था को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाया है। वहीं सरकार का कहना है कि शांति बनाए रखने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं और किसी भी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

वक्फ संशोधन विधेयक के विरोध में बंगाल के कई हिस्सों में भड़की हिंसा ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। हालांकि अब धीरे-धीरे हालात सामान्य हो रहे हैं, लेकिन अभी भी तनाव पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है। इंटरनेट बंदी, पुलिस की तैनाती और शांति अपील के जरिए सरकार स्थिति पर नियंत्रण पाने की कोशिश कर रही है। आने वाले दिनों में ये देखना होगा कि क्या प्रदर्शन थमते हैं या फिर विरोध और तेज़ होता है।

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