Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी भारत का एक प्रमुख पर्व है, जो पूरे देश में बेहद धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। ये त्योहार विशेष रूप से महाराष्ट्र, कर्नाटक, गुजरात, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में अत्यधिक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण माना जाता है। गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश जी के जन्म उत्सव के रूप में मनाया जाता है और इस दिन भक्त गणपति बप्पा की प्रतिमा स्थापित करते हैं।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं ?
गणेश चतुर्थी मनाने के पीछे धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों दृष्टिकोण से गहरा महत्व छिपा हुआ है। हिंदू मान्यता के अनुसार, भगवान गणेश को विघ्नहर्ता और मंगलकर्ता माना जाता है। इसलिए भक्त गणेश चतुर्थी पर उन्हें प्रसन्न करने के लिए पूजा करते हैं। गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं यह सवाल हर साल लोगों के मन में उठता है और इसका उत्तर यही है कि यह दिन भगवान गणेश के जन्म का प्रतीक है।
इसके अलावा, ऐसा माना जाता है कि गणेश चतुर्थी पर गणपति जी की पूजा करने से जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं। खासतौर पर छात्र, व्यापारी और नौकरीपेशा लोग गणेश जी की विशेष पूजा करते हैं, ताकि उन्हें सफलता और उन्नति प्राप्त हो। धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख है कि भगवान गणेश की पूजा से घर में सुख-समृद्धि और शांति का वास होता है।
गणेश चतुर्थी कथा क्या है ?
गणेश चतुर्थी की कथा बेहद रोचक और महत्वपूर्ण है, जो इस पर्व का मुख्य आधार मानी जाती है। कथा के अनुसार, माता पार्वती ने स्नान करने के समय अपने शरीर के उबटन से गणेश जी को बनाया था। उन्होंने गणेश को द्वार पर पहरा देने के लिए खड़ा कर दिया।
जब भगवान शिव घर लौटे तो गणेश ने उन्हें रोक दिया, क्योंकि उन्हें पार्वती के आदेश का पालन करना था। इस पर क्रोधित होकर भगवान शिव ने उनका सिर काट दिया। बाद में माता पार्वती के आग्रह पर भगवान शिव ने हाथी के सिर को लगाकर गणेश जी को पुनर्जीवित किया।
तभी से गणेश को प्रथम पूज्य और विघ्नहर्ता के रूप में जाना जाने लगा। यही गणेश चतुर्थी कथा हर साल भक्तों को यह स्मरण कराती है कि भगवान गणेश जीवन की हर समस्या का समाधान हैं।
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी का महत्व हिंदू धर्म में अत्यंत विशेष माना जाता है। भगवान गणेश को बुद्धि, विवेक, ज्ञान और समृद्धि का देवता कहा गया है। इस पर्व पर लोग नए कार्यों की शुरुआत करते हैं और भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
इसके अलावा, गणेश चतुर्थी का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह पर्व सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है। आजादी के आंदोलन के समय लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने गणेश चतुर्थी को सार्वजनिक उत्सव के रूप में मनाना शुरू किया।
इस पहल ने लोगों को एकजुट किया और ब्रिटिश शासन के खिलाफ संगठित होने की प्रेरणा दी। इसलिए गणेश चतुर्थी केवल धार्मिक ही नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
Ganesh Chaturthi किस दिन है ?
साल 2025 में गणेश चतुर्थी 27 अगस्त को मनाई जाएगी। ये तिथि भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को पड़ती है। गणेश चतुर्थी किस दिन है, ये जानना हर भक्त के लिए जरूरी होता है ताकि सही समय पर पूजा की जा सके।
इस बार गणेश चतुर्थी की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 01 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इसी शुभ समय में गणपति स्थापना और पूजा करना बेहद शुभ माना जाएगा।
भक्त इस दिन भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित कर दस दिनों तक विधिवत पूजा-अर्चना करते हैं और फिर अनंत चतुर्दशी के दिन गणपति विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है ?
गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है, यह जानना हर श्रद्धालु चाहता है ताकि पूजा विधि सही ढंग से हो। इस दिन सबसे पहले गणपति की प्रतिमा घर या पंडाल में स्थापित की जाती है। फिर मंत्रोच्चारण और वेदिक विधि से उनका आह्वान किया जाता है।
भक्त भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, दुर्वा और लाल फूल अर्पित करते हैं। दस दिनों तक प्रतिदिन सुबह-शाम आरती और भजन-कीर्तन होते हैं। गणेश जी की प्रतिमा के सामने भक्त न केवल पूजा करते हैं बल्कि सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
दसवें दिन यानी अनंत चतुर्दशी पर गणपति विसर्जन होता है। भक्त गणेश जी को विदा करते हुए “गणपति बप्पा मोरया” का जयघोष करते हैं और उनसे अगले साल आने का वचन लेते हैं।
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गणेश चतुर्थी से जुड़े विशेष धार्मिक महत्व
गणेश चतुर्थी का संबंध सिर्फ पूजा और अनुष्ठानों से नहीं बल्कि अध्यात्म और भक्ति से भी जुड़ा हुआ है। इस दिन व्रत रखने से मन की शुद्धि होती है और परिवार में खुशहाली आती है।
गणेश जी को अर्पित किया जाने वाला मोदक ज्ञान और मिठास का प्रतीक माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि गणेश जी को 21 मोदक अर्पित करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इसके अलावा, गणेश चतुर्थी के दौरान समाज में भाईचारे और एकता का माहौल बनता है। ये त्योहार हर जाति और वर्ग के लोग मिलकर मनाते हैं, जिससे समाज में सकारात्मकता फैलती है।
गणेश चतुर्थी 2025: विशेष जानकारी और तैयारियां
गणेश चतुर्थी 2025 को लेकर देशभर में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। बाजारों में गणपति की आकर्षक मूर्तियां सजकर तैयार हैं। इसके अलावा पूजा सामग्री, सजावट और मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ उमड़ने लगी है।
महाराष्ट्र के मुंबई, पुणे और नागपुर शहरों में बड़े-बड़े मंडल शानदार पंडाल बनाकर भगवान गणेश की प्रतिमाएं स्थापित करते हैं। हर साल की तरह इस बार भी लालबागचा राजा, सिद्धिविनायक गणपति और ढोल-ताशों के साथ शोभायात्राएं आकर्षण का केंद्र रहेंगी।
सुरक्षा की दृष्टि से भी प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं ताकि गणेश चतुर्थी का पर्व शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न हो।
गणेश चतुर्थी का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी बेहद गहरा है। गणेश चतुर्थी क्यों मनाते हैं और गणेश चतुर्थी कथा जानने से ये पर्व और भी अर्थपूर्ण हो जाता है।
गणेश चतुर्थी किस दिन है और गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है, ये जानकर भक्त सही विधि से पूजा करते हैं। भगवान गणेश का आशीर्वाद पाकर जीवन की हर समस्या का समाधान होता है और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।