Sawan 2025 : हिंदू धर्म में सावन या श्रावण मास का विशेष महत्व होता है। ये महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान भक्तजन व्रत, पूजा और रुद्राभिषेक जैसे धार्मिक कार्यों में लीन रहते हैं। सावन का महीना चंद्र कैलेंडर के अनुसार आता है और आमतौर पर जुलाई-अगस्त के बीच होता है।
Sawan 2025 की शुरुआत 10 जुलाई से हो चुकी है और इसका समापन 8 अगस्त को होगा। श्रावण मास की महत्ता वेदों और पुराणों में भी बताई गई है। माना जाता है कि इसी मास में समुद्र मंथन हुआ था और भगवान शिव ने विषपान किया था। उनके इसी त्याग को याद करते हुए भक्तजन इस महीने में शिवलिंग पर जल, बेलपत्र और दूध अर्पित करते हैं।
सावन में पूजा कैसे करें? (Sawan Mein Pooja Kaise Karein?)
सावन में भगवान शिव की पूजा करना अत्यंत फलदायक माना जाता है। यहां हम आपको सावन में पूजा करने की संपूर्ण विधि बता रहे हैं:
1. प्रातः स्नान करके सफेद वस्त्र धारण करें
भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना चाहिए और साफ-सफेद वस्त्र पहनने चाहिए।
2. शिवलिंग पर जल चढ़ाना
प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर गंगाजल या शुद्ध जल चढ़ाएं। साथ ही दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से रुद्राभिषेक करें।
3. बेलपत्र और धतूरा चढ़ाएं
भगवान शिव को बेलपत्र और धतूरा अत्यंत प्रिय हैं। पूजा में इनका उपयोग अवश्य करें।
4. ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप करें
सावन में ओम नमः शिवाय मंत्र का 108 बार जाप करें। यह मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति के लिए अत्यंत लाभकारी है।
5. व्रत रखें
श्रावण मास के हर सोमवार को व्रत रखने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। व्रती को दिनभर फलाहार करना चाहिए और शाम को शिव पूजा करके व्रत तोड़ना चाहिए।
सावन में क्या उपाय करने चाहिए? (Sawan Mein Kya Upay Karne Chahiye?)
सावन का महीना केवल पूजा-पाठ के लिए ही नहीं, बल्कि विशेष उपायों के लिए भी जाना जाता है। इन उपायों से जीवन में नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
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1. हर सोमवार गरीबों को अन्न दान करें
सावन के सोमवार को अन्न, वस्त्र या धन का दान करने से पापों का नाश होता है और पुण्य प्राप्त होता है।
2. शिवलिंग पर काले तिल और शहद चढ़ाएं
काले तिल और शहद चढ़ाने से मानसिक तनाव कम होता है और रिश्तों में मधुरता आती है।
3. नींबू-मिर्ची का टोटका करें
घर के मुख्य दरवाजे पर नींबू-मिर्ची लटकाने से बुरी नजर से बचाव होता है।
4. नाग पंचमी पर नाग देवता की पूजा करें
सावन माह में नाग पंचमी का विशेष महत्व होता है। इस दिन नाग देवता की पूजा करके घर में धन और संपत्ति का आगमन होता है।
5. महा मृत्युंजय मंत्र का जाप करें
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…” इस मंत्र का प्रतिदिन जाप करने से रोग, भय और मृत्यु जैसे दोषों से मुक्ति मिलती है।
सावन में व्रत और त्योहार (Sawan Festivals and Vrat List)
सावन का महीना अनेक व्रत और त्योहारों का संगम होता है। नीचे कुछ प्रमुख त्योहारों की सूची दी गई है:
- सावन सोमवार व्रत
- हरियाली तीज
- नाग पंचमी
- रक्षा बंधन
- शिवरात्रि (सावन मास की)
- पूर्णिमा व्रत
इन सभी अवसरों पर शिव मंदिरों में विशेष पूजा होती है और भक्तजन बड़ी संख्या में शिवलिंग पर जल अर्पण करने के लिए एकत्र होते हैं।
सावन में किन बातों से बचना चाहिए?
Sawan के पवित्र महीने में कुछ नियमों का पालन न करना नुकसानदायक हो सकता है। इन बातों से बचें:
- मांस और मदिरा का सेवन न करें
- झूठ और कटु भाषा का प्रयोग न करें
- बाल कटवाना और दाढ़ी बनवाना टालें
- शिवलिंग पर तुलसी के पत्ते न चढ़ाएं
- व्रत के दिन अनाज न खाएं
महिलाओं के लिए सावन का महत्व
Sawan का महीना महिलाओं के लिए विशेष फलदायी माना जाता है। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-शांति के लिए व्रत करती हैं और कांवड़ यात्रा में भी भाग लेती हैं। कुंवारी लड़कियां अच्छा वर पाने की कामना से सावन सोमवार का व्रत करती हैं। हरियाली तीज के दिन महिलाएं हरे वस्त्र पहनकर झूला झूलती हैं, मेहंदी लगाती हैं और शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
सावन और आयुर्वेद
सावन के मौसम में वात और कफ दोष बढ़ जाते हैं, इसलिए इस समय आयुर्वेदिक जीवनशैली अपनाना लाभकारी होता है। हल्का और सुपाच्य भोजन करें, तुलसी-आंवला काढ़ा पिएं और ठंडे पेय पदार्थों से परहेज करें। यह मौसम संक्रमण और वायरल बुखार का भी होता है, इसलिए शरीर को स्वस्थ बनाए रखना जरूरी है। श्रावण मास सिर्फ पूजा का समय नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि, अनुशासन और ईश्वर से जुड़ने का एक माध्यम है।
Sawan में पूजा कैसे करें, क्या उपाय करने चाहिए, और किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, ये सभी बातें अगर हम सही तरीके से अपनाएं तो जीवन में निश्चित रूप से सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है। आप भी इस सावन में भगवान शिव को प्रसन्न करें, और अपने जीवन को नई ऊर्जा और सकारात्मकता से भर दें।
सावन में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं?
सावन का महीना धार्मिक ही नहीं, स्वास्थ्य की दृष्टि से भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इस दौरान वातावरण में नमी के कारण पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है, जिससे बीमार होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए इस पवित्र मास में खान-पान पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
क्या खाना चाहिए:
सावन में हल्का, सात्विक और सुपाच्य भोजन करना चाहिए। ताजे फल, उबली सब्जियां, मूंग दाल, दही, खिचड़ी, और गुनगुना पानी शरीर के लिए फायदेमंद होते हैं। तुलसी, अदरक, हल्दी और काली मिर्च का सेवन रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। व्रत के दिनों में साबूदाना, फलाहार और दूध का सेवन करें।
क्या नहीं खाना चाहिए:
इस दौरान मांसाहार, लहसुन-प्याज, बासी भोजन, तली-भुनी चीजें और फास्ट फूड से बचना चाहिए। समुद्री भोजन और अधिक मसालेदार भोजन पाचन तंत्र को नुकसान पहुंचा सकता है। सड़क किनारे मिलने वाले कटे-फटे फल या पानी से बनी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। सावधानीपूर्वक भोजन करने से न केवल स्वास्थ्य अच्छा रहता है, बल्कि धार्मिक दृष्टिकोण से भी पुण्य की प्राप्ति होती है।