नई दिल्ली – BRICS एक बहुपक्षीय संगठन है जो Brazil, Russia, India, China और South Africa को मिलाकर बना था। इसका उद्देश्य उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के बीच सहयोग को बढ़ावा देना है। 2024 में BRICS का विस्तार हुआ और इसमें Egypt, Ethiopia, Iran, UAE को जोड़ा गया। 2025 में इंडोनेशिया भी इसमें शामिल हुआ, जिससे यह अब 11 देशों का शक्तिशाली ग्रुप बन गया है।
BRICS अब दुनिया की लगभग 49.5% जनसंख्या, 40% GDP और 26% वैश्विक व्यापार का प्रतिनिधित्व करता है। तो चलिए Bharat Viral News पर आज ब्रिक्स को समझने की कोशिश करते हैं। जानते हैं कि, आखिर इसका मकसद क्या है ? 2025 के सम्मेलन में ब्रिक्स से क्या संदेश निकला ?
BRICS 2025 में क्या है खास?
2025 की BRICS शिखर सम्मेलन ब्राजील के Rio de Janeiro में आयोजित की गई, जहाँ दुनिया के प्रमुख नेता इकट्ठा हुए ताकि वैश्विक चुनौतियों पर साझा रणनीति बनाई जा सके। इस सम्मेलन में आतंकवाद, वैश्विक व्यापार, जलवायु परिवर्तन, UN सुरक्षा परिषद में सुधार, और वेस्ट एशिया में संघर्ष जैसे मुद्दों पर गंभीर चर्चा हुई।
पहलगाम आतंकी हमले की निंदा- BRICS
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई। BRICS नेताओं ने इस हमले को “क्रूर और कायरतापूर्ण” करार देते हुए कहा कि “ये भारत की आत्मा, पहचान और गरिमा पर सीधा हमला था।” PM नरेंद्र मोदी ने इस हमले को केवल भारत नहीं, बल्कि मानवता पर हमला बताया। उन्होंने कहा: “आतंकवाद की निंदा केवल सुविधा नहीं, सिद्धांत होनी चाहिए। दोहरे मापदंड नहीं चलेंगे।”
BRICS ने क्या कहा आतंकवाद पर?
Rio Declaration में BRICS देशों ने कहा:
- आतंकवाद के खिलाफ Zero Tolerance अपनाया जाएगा।
- Cross-border terrorism, terror financing और safe havens के खिलाफ साझा कार्रवाई की जाएगी।
- संयुक्त राष्ट्र के अंतर्गत Comprehensive Convention on International Terrorism (CCIT) को जल्द अंतिम रूप देने की अपील की गई।
- नई तकनीकों और cryptocurrency के ज़रिये आतंकवादी फंडिंग पर भी चिंता व्यक्त की गई।
वैश्विक व्यापार और WTO पर BRICS का रुख
ब्रिक्स देशों ने अमेरिका की तरफ इशारा करते हुए “indiscriminate rising of tariffs” की आलोचना की, जो वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुँचा रही हैं। घोषणा पत्र में कहा गया: “हम WTO को केंद्र में रखते हुए rules-based, non-discriminatory, equitable व्यापार प्रणाली का समर्थन करते हैं।” BRICS ने unilateral sanctions और नॉन-टैरिफ बैरियर्स को वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए खतरा बताया।
ईरान पर हमले की निंदा
ब्रिक्स नेताओं ने 13 जून के बाद ईरान पर हुए सैन्य हमलों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन बताया। “हम ईरान के परमाणु ठिकानों और नागरिक इन्फ्रास्ट्रक्चर पर हुए हमलों की निंदा करते हैं।” ये बयान अमेरिका समर्थित सैन्य कार्रवाइयों की स्पष्ट आलोचना के रूप में देखा गया।
गाजा संकट और PM मोदी का शांति संदेश
PM मोदी ने अपने संबोधन में कहा: “गाजा की स्थिति मानवीय चिंता का विषय है। भारत शांति का समर्थक है और युद्ध नहीं चाहता।” “भारत भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है। हमारे लिए युद्ध और हिंसा का कोई स्थान नहीं।” उन्होंने दोहराया कि भारत विश्व में डायलॉग, कोऑपरेशन और कोऑर्डिनेशन को बढ़ावा देने में भरोसा रखता है।
जलवायु परिवर्तन और COP33 में भारत की दावेदारी
BRICS डिक्लेरेशन में कहा गया: “हम भारत की ओर से COP33 (2028) आयोजित करने की उम्मीद का समर्थन करते हैं।” साथ ही, BRICS ने COP30 को सफल बनाने की प्रतिबद्धता जताई जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ वैश्विक प्रयासों को मजबूत करेगा।
वैश्विक संस्थाओं में सुधार की मांग
ब्रिक्स ने UN सुरक्षा परिषद और Bretton Woods Institutions (जैसे IMF, World Bank) में सुधार की मांग की ताकि ये आधुनिक वैश्विक सच्चाइयों को प्रतिबिंबित कर सकें। “वर्तमान संस्थाएँ अब समानुपातिक प्रतिनिधित्व नहीं देतीं। विकासशील देशों की आवाज़ को मज़बूती देनी होगी।”
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BRICS 2025 Rio Declaration के मुख्य बिंदु:
- आतंकवाद की कड़ी निंदा और Zero Tolerance नीति
- पयलगाम हमले पर भारत के साथ एकजुटता
- ईरान पर सैन्य हमलों की आलोचना
- गाजा संकट पर चिंता और शांति का आह्वान
- वैश्विक व्यापार में निष्पक्षता और WTO का समर्थन
- जलवायु सम्मेलन COP33 के लिए भारत की मेज़बानी का समर्थन
- UN और वैश्विक संस्थाओं में सुधार की ज़रूरत
🇮🇳 पीएम मोदी का स्पष्ट संदेश:
PM मोदी ने ब्रिक्स मंच से आतंकवाद पर चीन और पाकिस्तान को बिना नाम लिए चेताया:
“व्यक्तिगत या राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवाद को मौन समर्थन देना, उसे स्वीकार करना, किसी भी हालत में स्वीकार्य नहीं हो सकता।”
“अगर हम शब्द और कर्म में भिन्नता रखते हैं, तो सवाल उठता है — क्या हम आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को लेकर गंभीर हैं?”
BRICS का बढ़ता प्रभाव और भारत की भूमिका
BRICS अब केवल एक आर्थिक समूह नहीं रहा, बल्कि ये वैश्विक राजनीति, सुरक्षा, जलवायु, और ट्रेड जैसे मसलों पर अपनी सामूहिक आवाज़ बनता जा रहा है। भारत, ब्रिक्स में एक विश्वसनीय नेतृत्वकर्ता के रूप में उभरा है जो आतंकवाद विरोध, वैश्विक सुधार, और शांति प्रयासों में सक्रिय भूमिका निभा रहा है।