Waqf Bill Passed : राज्यसभा में वक्फ बिल पास, विरोध मे कौन ?

Waqf Bill Passed : संसद में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill 2025) को आखिरकार मंजूरी मिल गई। ये बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी लंबी बहस के

Waqf Bill Passed : संसद में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill 2025) को आखिरकार मंजूरी मिल गई। ये बिल लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी लंबी बहस के बाद देर रात करीब 2:32 बजे पास हुआ। इस दौरान सत्ता पक्ष ने इसे पास कराने में सफलता हासिल की। वक्फ संशोधन बिल के समर्थन में 128 और विरोध में 95 वोट पड़े।

सरकार ने इसे राष्ट्रीय हित में लिया गया कदम बताया, जबकि विपक्ष ने इसे संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ करार दिया। राज्यसभा में बहस के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली। लेकिन लोकसभा से पास होने के अगले ही दिन राज्यसभा में भी ये बिल पारित कर दिया गया।

वक्फ बिल पर सरकार की दलीलें (Govt on Waqf Board)

अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने राज्यसभा में कहा कि ये बिल किसी एक मुसलमान के खिलाफ नहीं है, बल्कि ये करोड़ों गरीब मुस्लिमों के फायदे के लिए लाया गया है। उन्होंने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि मुस्लिमों को डराने की कोशिश विपक्ष कर रहा है, सरकार नहीं। रिजिजू ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का उदाहरण देते हुए कहा कि विपक्ष ने इसे लेकर भी गलत प्रचार किया था कि मुसलमानों की नागरिकता छिनी जाएगी, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या किसी मुसलमान की नागरिकता छीनी गई?

चर्चा में सरकार और विपक्ष आमने-सामने (Waqf Bill Passed)

रिजिजू ने कहा कि सरकार सभी की बात सुनने के लिए तैयार है। अगर सरकार ने विपक्ष की कोई बात नहीं सुनी होती, तो ये बिल अलग रूप में पास होता। उन्होंने बताया कि विपक्षी सांसदों द्वारा उठाए गए कई मुद्दों को माना गया है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में बहुमत वाली सरकार ही फैसले लेती है और ये बिल जनता के हित में पास किया गया है। (Waqf Bill Passed)

सरकार ने विपक्ष को ये भी बताया कि वक्फ प्रॉपर्टी में छेड़छाड़ नहीं की जाएगी और किसी गैर-मुस्लिम को वक्फ बोर्ड का सदस्य नहीं बनाया जाएगा। रिजिजू ने कहा कि ये बिल वक्फ संपत्तियों के सही प्रबंधन के लिए लाया गया है ताकि गरीब मुसलमानों को इसका अधिकतम लाभ मिल सके। (Waqf Bill Passed)

विपक्ष की आपत्तियां (Opposition on Waqf Bill)

विपक्ष ने इस बिल को अल्पसंख्यक समुदाय के संवैधानिक अधिकारों के खिलाफ बताया। कांग्रेस, बीजू जनता दल, YSR कांग्रेस और DMK ने इस बिल का पुरजोर विरोध किया। कांग्रेस सांसद नसीर हुसैन ने सरकार पर आरोप लगाया कि वो सांप्रदायिक ध्रुवीकरण कर रही है और वोट बैंक की राजनीति में लिप्त है। आम आदमी पार्टी के संजय सिंह (Sanjay Singh) ने सरकार पर संविधान के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया। DMK सांसद तिरूचि शिवा (Tiruchi N. Siva) ने कहा कि इस बिल से एक विशेष समुदाय को निशाने पर लिया जा रहा है।

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन (M K Stalin) ने ऐलान किया कि DMK इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी। स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु इस बिल के खिलाफ लड़ेगा और इसे वापस लेने के लिए हरसंभव प्रयास करेगा।

वक्फ संपत्तियों का क्या है मामला?

केंद्र सरकार ने 2006 में आई सच्चर कमिटी (Sachar Committee) की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि तब देश में 4.9 लाख वक्फ संपत्तियां थीं, जिनसे होने वाली सालाना आय केवल 163 करोड़ रुपये थी। लेकिन अब वक्फ संपत्तियों की संख्या बढ़कर 8.72 लाख हो गई है। सरकार का मानना है कि अगर इन संपत्तियों का सही प्रबंधन किया जाए, तो इससे हजारों करोड़ रुपये की कमाई हो सकती है, जिसका सीधा फायदा गरीब मुसलमानों को मिलेगा।

युवाओं के लिए इस बिल का क्या मतलब है?

भारतीय युवाओं, खासकर मुस्लिम समुदाय के युवाओं के लिए यह बिल महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग हो सकेगा। सरकार का दावा है कि इससे शिक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाओं पर फोकस किया जाएगा।

हालांकि, विपक्ष का कहना है कि ये बिल अल्पसंख्यक समुदाय के अधिकारों में कटौती कर सकता है। अब ये देखना दिलचस्प होगा कि इस बिल के लागू होने के बाद इसका जमीनी असर कैसा होता है।

ये बिल आपके लिए कितना महत्वपूर्ण है? क्या ये सही दिशा में एक कदम है या किसी समुदाय के अधिकारों में दखल? अपने विचार हमें बताइए!

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Narendra Niru
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