Waqf Board Bill : सरकार ने वक्फ (संशोधन) विधेयक 2025 में कई महत्वपूर्ण संशोधन किए हैं, जो संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सिफारिशों और सहयोगी दलों JDU, TDP द्वारा सुझाए गए बदलावों के आधार पर किए गए हैं। इस संशोधित विधेयक को कल (1 अप्रैल) लोकसभा में पेश किया जाएगा।
Waqf Board Bill के संशोधन:
- राज्य सरकार की भूमिका बनी रहेगी:
- वक्फ संपत्तियों से संबंधित मामलों में राज्य सरकार का नियंत्रण और भूमिका पूर्ववत बनी रहेगी।
- वक्फ संपत्ति की वैधता तय करने के लिए कलेक्टर से ऊपर के अधिकारी को नियुक्त किया जा सकेगा।
- मौजूदा धार्मिक स्थलों की सुरक्षा:
- पुरानी मस्जिदों, दरगाहों या अन्य मुस्लिम धार्मिक स्थलों को कानून के तहत किसी भी प्रकार के बदलाव से सुरक्षित रखा जाएगा।
- ये सुझाव जेडीयू की ओर से दिया गया था, जिसे स्वीकार कर लिया गया है।
- डिजिटल पारदर्शिता:
- औकाफ (वक्फ संपत्तियों) की सूची को गजट में प्रकाशित करने के 90 दिनों के भीतर एक पोर्टल पर अपडेट करना अनिवार्य होगा।
- गैर-मुस्लिम सदस्य भी होंगे शामिल:
- वक्फ परिषद में अब दो गैर-मुस्लिम सदस्य भी होंगे।
- वक्फ बोर्ड में वक्फ मामलों से संबंधित संयुक्त सचिव को पदेन सदस्य के रूप में शामिल किया जाएगा।
#WATCH दिल्ली: वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर भाजपा सांसद और वक्फ (संशोधन) विधेयक पर JPC समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, “…हमने सभी हितधारकों को सुना है और उसके आधार पर हमने रिपोर्ट दी है…यह बहुत अच्छा बिल आ रहा है, पारदर्शी बिल आ रहा है। अब वक्फ की संपत्ति का फायदा आम,… pic.twitter.com/QNjjHCAwTY
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 1, 2025
Waqf Board Bill के किन प्रावधान पर विवाद
- वक्फ परिषद/बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य:
- धारा 11 में संशोधन के तहत, वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्य (हिंदू या अन्य धर्मों के लोग) हो सकते हैं।
- साथ ही, राज्य सरकार का एक अधिकारी भी इसमें जोड़ा जाएगा।
- वक्फ संपत्ति दान के लिए इस्लाम का पालन आवश्यक:
- BJP सांसद तेजस्वी सूर्या द्वारा प्रस्तावित धारा 14 को विधेयक में शामिल किया गया है।
- इस प्रावधान के अनुसार, कोई व्यक्ति तभी अपनी संपत्ति वक्फ कर सकेगा, जब वो कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहा हो।
- वक्फ किए जाने वाली संपत्ति में धोखाधड़ी न हो, इसका प्रमाण भी आवश्यक होगा।
- वक्फ ट्रिब्यूनल में इस्लामिक स्कॉलर की नियुक्ति:
- पहले वक्फ ट्रिब्यूनल में केवल दो सदस्य होते थे।
- अब इसमें तीसरे सदस्य के रूप में एक इस्लामिक स्कॉलर को नियुक्त किया जाएगा।
- वरिष्ठ अधिकारी को वक्फ संपत्ति की जांच का अधिकार:
- पहले वक्फ संपत्तियों का सर्वेक्षण और निगरानी करने की जिम्मेदारी कलेक्टर के पास थी।
- अब राज्य सरकार कलेक्टर के स्थान पर किसी वरिष्ठ अधिकारी को नियुक्त कर सकेगी।
विधेयक पर राजनीतिक समीकरण:
वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो गई है। ये विधेयक 2 अप्रैल को दोपहर 12 बजे लोकसभा में पेश किया जाएगा। बिजनेस एडवाइजरी कमेटी की बैठक में इस पर चर्चा को लेकर सहमति बन गई है।
सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की अगुवाई कर रही भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिससे सदन में उनकी उपस्थिति सुनिश्चित की जा सके।
चर्चा का समय तय:
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के अनुसार, इस विधेयक पर चर्चा के लिए आठ घंटे का समय तय किया गया है। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर इसे बढ़ाया भी जा सकता है, बशर्ते कि सदन में सहमति बने।
किरण रिजिजू ने कहा:
“अब अगर कोई पार्टी वॉकआउट करने या चर्चा से बचने की कोशिश करती है, तो हम उन्हें रोक नहीं सकते। लेकिन हम सभी से उम्मीद करते हैं कि वे चर्चा में भाग लें और अपने विचार रखें।”
आगे की राह:
विधेयक को लेकर विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बहस और संभावित विरोध देखा जा सकता है। हालांकि, सरकार ने इसे पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के उद्देश्य से संशोधित किया है। अब देखना होगा कि ये विधेयक लोकसभा में किस तरह से चर्चा का केंद्र बनता है और इसे लेकर क्या रुख अपनाया जाता है।