Balochistan बना नया देश, पाकिस्तान के हुए टुकड़े?

बलोच नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ जंग (War on Terror) के नाम पर फंड लिया, लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल 9/11 के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में अमेरिका और NATO के सैनिकों को मारने के लिए किया।
Balochistan Issue Bharat Viral News

नई दिल्ली – Balochistan को अलग देश बनाने की मांग लंबे समय से हो रही है। लेकिन इस बीच पाकिस्तान में बड़ा खेल हो गया है। दरअसल, पाकिस्तान, जो हमेशा भारत के कश्मीर पर दावा करता रहा है, अब खुद अपने देश को संभालने में असमर्थ होता दिख रहा है। पाकिस्तान के अंदरूनी हालात इतने बिगड़ चुके हैं कि एक ओर बलूचिस्तान (Balochistan) में आजादी की मांग खुलकर सामने आ रही है, वहीं सिंध (Sindh) के लोग भी अब पाकिस्तान से अलग होकर एक नया देश बनाने की मांग कर रहे हैं।

Balochistan में हालात दिन-ब-दिन बदतर होते जा रहे हैं और अब एक बार फिर बलोच नेता मीर यार बलोच (Meer Yar Baloch) ने इंटरनेशनल मंच पर दावा किया है कि बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं है। उन्होंने इंटरनेशनल कम्युनिटी (International Community), भारत (India), और भारतीय मीडिया से अपील की है कि वे बलूचिस्तान को पाकिस्तान का हिस्सा कहना बंद करें और बलूचिस्तान को एक स्वतंत्र देश (Independent Country) घोषित करने में मदद करें।

Balochistan नेता का भावुक संदेश

मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक इमोशनल पोस्ट शेयर करते हुए कहा कि Balochistan के लोगों ने अपना भविष्य चुन लिया है। उन्होंने कहा कि अब दुनिया को भी बलूचिस्तान के साथ खड़ा होना होगा। बलोच नेता ने विशेष रूप से भारत और भारतीय मीडिया, यूट्यूबर्स और बुद्धिजीवियों से निवेदन किया कि बलूचों को पाकिस्तानियों के रूप में संबोधित करना बंद करें। उन्होंने कहा, “हम अपनी नस्ल और अपनी जमीन बचाने के लिए निकले हैं। हमें समर्थन दें, क्योंकि पाकिस्तान से अब हमारा कोई लेना-देना नहीं है।”

पाकिस्तान का आतंकवाद और झूठी अर्थव्यवस्था

ANI की रिपोर्ट के मुताबिक मीर यार बलोच ने पाकिस्तान पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा इंटरनेशनल फंड्स का दुरुपयोग किया। 1947 से 2025 तक पाकिस्तान ने IMF, World Bank और पश्चिमी देशों से अरबों डॉलर लिए, लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल जनता की भलाई के लिए नहीं, बल्कि आतंकवाद (Terrorism) फैलाने में किया।

बलोच नेता ने कहा कि पाकिस्तान ने अमेरिका से आतंकवाद के खिलाफ जंग (War on Terror) के नाम पर फंड लिया, लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल 9/11 के बाद अफगानिस्तान (Afghanistan) में अमेरिका और NATO के सैनिकों को मारने के लिए किया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद का गढ़ बन चुका है और इसका खामियाजा उसके अपने नागरिक भुगत रहे हैं।

बलूचिस्तान अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं

मीर यार बलोच ने एक बड़ा दावा करते हुए कहा कि बलूचिस्तान के लोग अब पाकिस्तान का हिस्सा नहीं रहना चाहते। बलूच लोग सड़कों पर हैं, प्रदर्शन कर रहे हैं और दुनिया को इस सच्चाई को स्वीकारना चाहिए। उन्होंने कहा कि United Nations Security Council और United Nations General Assembly को पाकिस्तान के आतंकी रवैये पर इमरजेंसी मीटिंग बुलानी चाहिए और बलूचिस्तान को अलग देश के रूप में मान्यता देनी चाहिए।

भारत को बलूचिस्तान का समर्थन

बलोच नेता ने भारत के पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की तारीफ करते हुए कहा कि भारत ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) को खाली कराने की मांग उठाकर साहसिक कदम उठाया है। मीर यार बलोच ने कहा कि 14 मई 2025 को भारत ने जिस तरह पाकिस्तान से PoK खाली करने की मांग की है, उसका बलूचिस्तान पूर्ण समर्थन करता है।

ये भी पढ़ें – POK पर PM मोदी का बड़ा ऐलान, पढ़िए 10 बड़ी बातें

बलोच नेता ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान ने भारत और इंटरनेशनल कम्युनिटी की बात नहीं मानी, तो 1971 की तरह एक और शर्मनाक हार पाकिस्तान को झेलनी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इस बार पाकिस्तान के लालची जनरल (Pak Army Generals) PoK की जनता को मानव ढाल बना रहे हैं, जो खुद अपने देश के लिए खतरा बन चुके हैं।

मोदी बलूचिस्तान को देश घोषित कर सकते हैं?

अब सवाल उठता है कि क्या पीएम मोदी बलूचिस्तान को भारत के समर्थन से अलग देश घोषित कर सकते हैं? क्या मोदी सरकार इंदिरा गांधी (Indira Gandhi) की तरह पाकिस्तान को दोबारा टुकड़ों में बांटने का प्लान कर रही है?

विशेषज्ञों की मानें तो भारत की वर्तमान रणनीति डिप्लोमैटिक दबाव (Diplomatic Pressure) और इंटरनेशनल लॉ के जरिए पाकिस्तान पर दबाव बनाने की है। भारत बलूचिस्तान, सिंध, और PoK के मुद्दे को UNO और अन्य इंटरनेशनल फोरम में उठाकर पाकिस्तान को विश्व स्तर पर बेनकाब कर रहा है।

हालांकि, भारत ने कभी भी बलूचिस्तान को सीधे तौर पर अलग देश के रूप में मान्यता देने की घोषणा नहीं की है, लेकिन मीर यार बलोच जैसे नेताओं के समर्थन से यह साफ है कि बलूचिस्तान में भारत को एक नैचुरल एलाइ (Natural Ally) मिल सकता है।

क्या पाकिस्तान फिर टूटेगा?

इतिहास की बात करें तो पाकिस्तान पहले भी 1971 में बांग्लादेश (Bangladesh) के रूप में बिखर चुका है और उस समय भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। आज के हालात देखें तो पाकिस्तान फिर उसी राह पर बढ़ रहा है, जहां बलूचिस्तान और सिंध जैसे प्रांत पाकिस्तान से अलग होकर खुद को स्वतंत्र देश घोषित करने के कगार पर हैं।

हाल ही में बलूचिस्तान में हो रहे प्रदर्शन और पाकिस्तान के अंदर लगातार बढ़ती आर्थिक और सामाजिक अस्थिरता इस बात का संकेत दे रही है कि पाकिस्तान का भविष्य खतरे में है।

पाकिस्तान अपने ही लोगों को नियंत्रित करने में असफल हो चुका है। बलूचिस्तान और सिंध दोनों जगहों पर अलगाववादी आवाजें उठ रही हैं। बलोच नेता मीर यार बलोच के बयान ने पाकिस्तान की पोल खोल दी है।

अब देखना होगा कि भारत और इंटरनेशनल कम्युनिटी इस मौके का कितना लाभ उठाती है। क्या पीएम मोदी इंदिरा गांधी की राह पर चलेंगे? क्या भारत बलूचिस्तान को समर्थन देकर पाकिस्तान को और कमजोर करेगा? आने वाले समय में ये मुद्दा और भी बड़ा ग्लोबल एजेंडा बनने जा रहा है।

 

author avatar
Narendra Niru
Share it :

सम्बंधित ख़बरें