हजरतबल दरगाह विवाद: Ashok Stambh तोड़ने पर बवाल, ईद-ए-मिलाद जुलूस के दौरान बढ़ा तनाव

दरख्शां अंद्राबी ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि Ashok Stambh को तोड़ना राष्ट्रीय प्रतीक पर हमला है। उन्होंने इसे आतंकवादी सोच और सियासी गुंडागर्दी से जोड़ते हुए जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
Ashok Stambh Case Hazratbal Dargah Controversy Bharat Viral News

Ashok Stambh Controversy : श्रीनगर- जम्मू कश्मीर से एक बार फिर शर्मनाक तस्वीर सामने आई है। इस शर्मनात घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। मामला श्रीनगर की हजरतबल दरगाह का है। यहां ईद-ए-मिलाद के मौके पर भारी बवाल मच गया और स्थिति बिगड़ गई। दरगाह के हालिया रिनोवेशन के बाद लगाए गए मार्बल और शिलापट्ट पर मौजूद Ashok Stambh की आकृति को लेकर विवाद बढ़ गया।

मस्जिद परिसर में भीड़ इकट्ठा हुई और आरोप लगाया कि वक्फ बोर्ड ने अंदर प्रतिमा जैसी संरचना स्थापित की है। इसके बाद गुस्साई भीड़ ने वक्फ बोर्ड द्वारा लगाए गए शिलापट्ट पर उकेरे गए Ashok Stambh की आकृति तोड़ डाली। सोशल मीडिया पर इस घटना का वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिससे पूरे जम्मू-कश्मीर में हलचल मच गई और तनाव बढ़ा।

वीडियो में साफ दिख रहा है कि कुछ लोग पत्थरों से Ashok Stambh को निशाना बना रहे हैं और उसे तोड़ रहे हैं। ये शिलापट्ट 3 सितंबर को जम्मू-कश्मीर वक्फ बोर्ड की चेयरपर्सन डॉ. दरख्शां अंद्राबी द्वारा उद्घाटन के दौरान लगाया गया था। इस शिलापट्ट पर Dr. Darakhshan Andrabi का नाम भी दर्ज है, जो नवीनीकरण कार्य की प्रमुख आयोजक और निरीक्षक रही हैं।

हजरतबल दरगाह विवाद पर रोष

दरख्शां अंद्राबी ने इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा कि Ashok Stambh को तोड़ना राष्ट्रीय प्रतीक पर हमला है। उन्होंने इसे आतंकवादी सोच और सियासी गुंडागर्दी से जोड़ते हुए जिम्मेदार लोगों पर कठोर कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि पहले भी ऐसे लोग कश्मीर की शांति को बिगाड़ते रहे हैं और अब दरगाह पर हमला किया है।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रशासक भीड़ से बचते हुए जान गंवाने से बचा, क्योंकि वहां हिंसक हमला किया गया था। दरख्शां अंद्राबी का आरोप है कि हजरतबल दरगाह के नवीनीकरण ने विरोधियों को खटकाया और उन्होंने राष्ट्रीय धरोहर को नुकसान पहुँचाया। उन्होंने स्पष्ट कहा कि Ashok Stambh को तोड़ना कानूनन अपराध है और इसमें शामिल लोगों को उम्रभर बैन किया जाएगा।

दरख्शां अंद्राबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर नवीनीकरण कार्य की तस्वीरें शेयर करते हुए इसे ऐतिहासिक परियोजना बताया था। उन्होंने लिखा था कि हजरतबल दरगाह का सौंदर्यीकरण पूरा देश और कश्मीर की सबसे खूबसूरत धरोहर बनाने की दिशा में कदम है। दरगाह में नया डिजाइन पारंपरिक कश्मीरी कला और आधुनिकता का मिश्रण है, जिससे यह आध्यात्मिक धरोहर और भी खास बनेगी।

Ashok Stambh मामले पर केंद्रीय मंत्री ने जताई चिंता

वहीं केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने भी हजरतबल दरगाह नवीनीकरण परियोजना की तारीफ करते हुए Ashok Stambh विवाद पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के सहयोग से यह सांस्कृतिक धरोहर नया स्वरूप पा रही है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1968 के बाद पहली बार दरगाह के अंदर इतना बड़ा नवीनीकरण कार्य किया गया है।

उनके अनुसार नया डिजाइन न केवल पारंपरिक कला को जीवित करता है बल्कि आधुनिक आर्किटेक्चर को भी सम्मानजनक रूप देता है। हजरतबल दरगाह का महत्व केवल धार्मिक ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर के रूप में भी बहुत बड़ा है। ये दरगाह कश्मीर की पहचान है, और यहां मौजूद किसी भी प्रतीक पर विवाद बड़ा राजनीतिक और धार्मिक मुद्दा बन जाता है।

अशोक स्तंभ राष्ट्रीय धरोहर

Ashok Stambh भारतीय संविधान और राष्ट्रीय धरोहर का हिस्सा है, जिसे सार्वभौमिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण इसे किसी धार्मिक स्थल पर विवादास्पद ढंग से देखना आम जनता के लिए संवेदनशील मुद्दा बन जाता है। भीड़ का ये कहना था कि मस्जिद के अंदर किसी भी प्रकार की मूर्ति या आकृति रखना इस्लामिक नियमों के खिलाफ है।

हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि Ashok Stambh प्रतिमा नहीं बल्कि राष्ट्रीय धरोहर का प्रतीक चिन्ह है। भारत सरकार के सभी दस्तावेजों, पासपोर्ट, मुद्रा और न्यायपालिका में Ashok Stambh का प्रयोग होता है। दरगाह पर लगाए गए शिलापट्ट में यह केवल राष्ट्रीय धरोहर और परियोजना का प्रतीक दिखाने के लिए शामिल किया गया था।

फिर भी, इसे गलत समझकर भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया और राष्ट्रीय प्रतीक को नुकसान पहुंचाया। अब सवाल उठ रहा है कि क्या धार्मिक स्थलों पर राष्ट्रीय प्रतीकों का प्रयोग सही है या नहीं। कुछ लोगों का मानना है कि यह राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है, जिसे हर जगह स्वीकार करना चाहिए। दूसरी ओर धार्मिक कट्टरपंथी समूह इसे अपनी धार्मिक मान्यताओं के खिलाफ बताते हैं और इसका विरोध करते हैं।

कश्मीर में धार्मिक बहस तेज

Ashok Stambh विवाद ने इस बार पूरे कश्मीर में धार्मिक और राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है। स्थानीय प्रशासन ने हालात को काबू में करने के लिए भारी पुलिस बल तैनात किया और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए। प्रशासन ने कहा कि सोशल मीडिया पर भड़काऊ वीडियो और पोस्ट डालने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं कई संगठनों ने अपील की है कि इस घटना को सांप्रदायिक विवाद की तरह न देखा जाए बल्कि कानूनी नजरिए से देखा जाए।

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कानूनी विशेषज्ञों का कहना है कि राष्ट्रीय प्रतीक Ashok Stambh को तोड़ना आपराधिक अपराध की श्रेणी में आता है। भारतीय दंड संहिता के अंतर्गत राष्ट्रीय प्रतीक और ध्वज का अपमान करना सख्त सजा योग्य अपराध माना जाता है। इस घटना ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि राष्ट्रीय प्रतीकों की सुरक्षा धार्मिक स्थलों पर कैसे सुनिश्चित की जाए। दरगाह हजरतबल की खूबसूरती और इसके महत्व पर किसी को भी विवाद खड़ा करने का अधिकार नहीं होना चाहिए।

राष्ट्रीय प्रतीकों का सम्मान हर नागरिक का कर्तव्य है, चाहे वह किसी भी धर्म या संप्रदाय से जुड़ा हो। Ashok Stambh केवल पत्थर की आकृति नहीं बल्कि भारत की न्याय और सत्य की भावना का प्रतिनिधित्व करता है। इसीलिए इसे हर जगह समान सम्मान देना जरूरी है, चाहे वह धार्मिक स्थल हो या सरकारी दफ्तर। इस पूरे विवाद ने एक बार फिर दिखा दिया कि राजनीति और कट्टरता, सांस्कृतिक धरोहरों को नुकसान पहुंचाने का बड़ा कारण हैं।

सख्त कदम उठाने होंगे

सरकार और प्रशासन को अब इस दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे ताकि भविष्य में ऐसे विवाद न हों। अभी तक कई लोगों की पहचान की जा चुकी है और उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। लोगों की निगाहें अब इस बात पर टिकी हैं कि दोषियों को कितनी सख्त सजा मिलती है।

यदि दोषियों को कड़ी सजा नहीं मिली तो भविष्य में राष्ट्रीय धरोहरों और प्रतीकों पर और हमले हो सकते हैं। कश्मीर जैसे संवेदनशील इलाके में यह घटना गंभीर संदेश देती है कि कानून का पालन सख्ती से किया जाना चाहिए। Ashok Stambh विवाद केवल एक धार्मिक स्थल का मामला नहीं बल्कि राष्ट्रीय अस्मिता और संविधान की गरिमा से जुड़ा मुद्दा है।

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Mohit Singh
Mohit Singh Chaudhary is a seasoned journalist with over 10 years of experience in the media industry. Throughout his career, he has worked with several reputed news organizations, including India News, Zee News, ANB National, Khabar Fast, Citizen Voice, OK India, HCN News, and VK News.
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