Independence Day 1947 : हर साल 15 अगस्त को भारत में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। ये दिन भारतीय इतिहास का सबसे गौरवशाली और यादगार दिन है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं? भारत को आजादी कब और कैसे मिली थी? और ये दिन हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण क्यों है? आइए इस लेख में इन सभी सवालों के जवाब विस्तार से जानते हैं।
भारत को आजादी कब मिली थी?
भारत को आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी। इस दिन ब्रिटिश हुकूमत ने भारत की सत्ता भारतीय नेताओं को सौंप दी थी। लगभग 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने भारत पर शासन किया। ब्रिटिश राज की शुरुआत 1757 में प्लासी की लड़ाई के बाद मानी जाती है, जब ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के नवाब को हराया और धीरे-धीरे पूरे भारत पर अधिकार कर लिया।
स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं?
स्वतंत्रता दिवस मनाने का उद्देश्य भारत की आज़ादी की याद को ताजा करना और उन सभी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देना है जिन्होंने अपनी जान न्यौछावर कर दी ताकि हम एक स्वतंत्र भारत में सांस ले सकें। ये दिन हमें हमारी राष्ट्रीय एकता, अखंडता और गर्व का भी प्रतीक है।
हर साल इस दिन देशभर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है, देशभक्ति गीत, परेड, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी संस्थानों में तिरंगा फहराया जाता है और स्वतंत्रता संग्राम की कहानियां सुनाई जाती हैं।
भारत को आजादी कैसे मिली थी?
भारत को आजादी पाने के लिए एक लंबा संघर्ष करना पड़ा। ये लड़ाई केवल बंदूक और तलवार से नहीं, बल्कि विचारों, आंदोलनों और असहयोग से भी लड़ी गई। आइए समझते हैं भारत को आजादी कैसे मिली थी?
1. प्रारंभिक संघर्ष (1857 की क्रांति):
1857 की पहली स्वतंत्रता संग्राम को भारत की आज़ादी की पहली बड़ी कोशिश माना जाता है। इसे ‘सिपाही विद्रोह’ भी कहा जाता है, जिसमें मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, तात्या टोपे जैसे कई वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया। हालांकि यह आंदोलन असफल रहा, लेकिन इसने स्वतंत्रता के बीज बो दिए।
2. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना (1885):
1885 में Indian National Congress की स्थापना हुई, जो आगे चलकर स्वतंत्रता संग्राम का मुख्य मंच बनी। इसके नेता धीरे-धीरे अंग्रेजों से पूर्ण स्वतंत्रता की मांग करने लगे।
3. गांधीजी का आगमन और असहयोग आंदोलन:
महात्मा गांधी ने 1915 में दक्षिण अफ्रीका से लौटकर भारत में आजादी के आंदोलन को नया मोड़ दिया। उन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह को अपना हथियार बनाया।
- 1919: जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद देश में आक्रोश बढ़ा।
- 1920-22: असहयोग आंदोलन शुरू हुआ, जिसमें लाखों भारतीयों ने अंग्रेजों की संस्थाओं का बहिष्कार किया।
- 1930: गांधीजी ने नमक सत्याग्रह और दांडी मार्च किया।
- 1942: ‘भारत छोड़ो आंदोलन’ (Quit India Movement) ने स्वतंत्रता की लड़ाई को अंतिम मोड़ दिया।
4. द्वितीय विश्व युद्ध और अंग्रेजों की कमजोरी:
दूसरे विश्व युद्ध (1939-1945) के दौरान अंग्रेजों की ताकत कमजोर हो गई और भारत में विरोध बढ़ता गया। ब्रिटिश सरकार ने महसूस किया कि अब भारत को नियंत्रण में रखना मुश्किल है।
5. नेताजी सुभाष चंद्र बोस और आजाद हिंद फौज:
सुभाष चंद्र बोस ने ‘तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा’ का नारा दिया और आजाद हिंद फौज की स्थापना की। उन्होंने भारत के बाहर से अंग्रेजों पर दबाव बनाया और आजादी की लड़ाई को एक अंतरराष्ट्रीय स्वरूप दिया।
भारत का बंटवारा और आजादी का दिन
जब अंग्रेजों ने भारत को आजादी देने का निर्णय लिया, तब भारत को धार्मिक आधार पर दो हिस्सों में बांटा गया — भारत और पाकिस्तान। ये विभाजन दंगा, हिंसा और कई लोगों के विस्थापन का कारण बना।
14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया गया और 15 अगस्त 1947 को भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र बना। पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिल्ली के लाल किले से पहला भाषण दिया — “Tryst with Destiny” — और राष्ट्र को संबोधित किया।
स्वतंत्रता दिवस 2025 में क्या विशेष होगा?
2025 में भारत अपनी आज़ादी की 78वीं वर्षगांठ मना रहा है। इस साल स्वतंत्रता दिवस को और भी भव्य रूप से मनाया जाएगा। भारत सरकार ने ‘Viksit Bharat @2047’ अभियान के अंतर्गत युवाओं को प्रेरित करने के लिए कई नए कार्यक्रम शुरू किए हैं।
- प्रधानमंत्री का संबोधन: हर साल की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करेंगे और पिछले वर्षों की उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं को साझा करेंगे।
- स्कूल-कॉलेज कार्यक्रम: देशभर में बच्चों और युवाओं के लिए चित्रकला, भाषण, निबंध, देशभक्ति गीत प्रतियोगिताएं होंगी।
- स्वच्छता अभियान, हर घर तिरंगा: भारत को स्वच्छ और जागरूक राष्ट्र बनाने के लिए नए अभियान चलाए जाएंगे।
स्वतंत्रता दिवस का महत्व
स्वतंत्रता दिवस केवल एक राष्ट्रीय पर्व नहीं है, ये हमारे स्वाभिमान, संविधान, लोकतंत्र, और संस्कृति का उत्सव है। ये दिन हमें याद दिलाता है कि आज जो स्वतंत्रता हमें मिली है, वो लाखों बलिदानों और संघर्षों का परिणाम है। हमें न केवल इस दिन को धूमधाम से मनाना चाहिए, बल्कि यह भी संकल्प लेना चाहिए कि हम इस स्वतंत्रता की रक्षा करेंगे और देश को आगे बढ़ाने में योगदान देंगे।
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FAQs: Independence Day 2025 Special
प्रश्न 1: भारत को आज़ादी कब मिली थी?
उत्तर: भारत को आज़ादी 15 अगस्त 1947 को मिली थी।
प्रश्न 2: स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर: यह दिन ब्रिटिश शासन से मुक्ति और स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को याद करने के लिए मनाया जाता है।
प्रश्न 3: भारत को आज़ादी कैसे मिली थी?
उत्तर: भारत को आज़ादी लंबे संघर्ष, अहिंसक आंदोलनों, और जन-क्रांति के माध्यम से मिली थी, जिसमें गांधीजी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान रहा।
प्रश्न 4: स्वतंत्रता दिवस 2025 में क्या खास है?
उत्तर: 2025 में भारत अपनी 78वीं वर्षगांठ मना रहा है और ‘Viksit Bharat @2047’ अभियान के तहत विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।
स्वतंत्रता दिवस हमें अपने स्वतंत्र भारत की महत्ता और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है। हमें अपने इतिहास, शहीदों के बलिदान और देश की प्रगति को समझना और सम्मान देना चाहिए। इस स्वतंत्रता दिवस 2025, आइए हम सब ये संकल्प लें कि हम भारत को स्वच्छ, सशक्त और विकसित राष्ट्र बनाएंगे।
जय हिंद! वंदे मातरम्!