नई दिल्ली: Raza Academy और MSO ने मिलकर Delhi High Court में एक महत्वपूर्ण PIL दाखिल की है, जो देशभर में चर्चा का विषय बनी हुई है। इस PIL में ‘I Love Mohammad ﷺ’ केस से जुड़े FIRs और arrests को वापस लेने की मांग की गई है। Petitioners ने कहा कि Prophet Muhammad ﷺ से मोहब्बत और सम्मान जताना किसी भी हाल में अपराध नहीं माना जा सकता।
PIL का मुख्य उद्देश्य और कानूनी पहलू
Raza Academy और MSO का कहना है कि भारतीय संविधान प्रत्येक नागरिक को religion की freedom और expression की पूरी स्वतंत्रता देता है। PIL में Court से appeal की गई है कि innocent लोगों को तुरंत release किया जाए और दर्ज cases को withdraw किया जाए। Petitioners का तर्क है कि Prophet Muhammad ﷺ से मोहब्बत जताना एक व्यक्तिगत और spiritual अधिकार है।
I Love Mohammad ﷺ Case: विवाद कैसे शुरू हुआ
‘Love for Prophet’ वाले slogans और statements को लेकर कुछ जगहों पर FIR दर्ज की गई और कई युवाओं को गिरफ्तार भी किया गया। इस मामले को लेकर community में गहरी चिंता और नाराजगी देखी गई, जिससे हालात sensitive बन गए। हालांकि, Raza Academy ने साफ कहा कि मोहब्बत जताना किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं है।
Raza Academy और MSO की मांगें
Petition में demand की गई है कि innocent लोगों के खिलाफ दर्ज cases को तुरंत वापस लिया जाए और unnecessary arrests को रद्द किया जाए। PIL में कहा गया कि devotion और law-and-order issues में फर्क किया जाना बेहद जरूरी है।
Article 25 से लेकर Article 19 तक भारतीय संविधान हर citizen को धार्मिक स्वतंत्रता और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने का अधिकार देता है। PIL में कहा गया है कि Prophet Muhammad ﷺ के प्रति respect और मोहब्बत जताना पूरी तरह constitutional right के अंतर्गत आता है।
Community के लिए Raza Academy का संदेश
Raza Academy और MSO ने अपने बयान में युवाओं से appeal की है कि वह patience और wisdom से काम लें। किसी भी प्रकार की हिंसा या unauthorized protest से बचने की सलाह दी गई है। उनका कहना है कि confrontation से हालात बिगड़ सकते हैं और इससे गलतफहमी भी बढ़ सकती है।
PIL में कहा गया है कि authorities को balanced approach अपनानी चाहिए और genuine devotion को किसी crime से नहीं जोड़ना चाहिए। Arrests और harsh action से mistrust बढ़ेगा, इसलिए dialogue और understanding को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
Selective Targeting पर सवाल
Petitioners ने यह भी कहा कि selective targeting और disproportionate action India की secular और democratic values को नुकसान पहुंचाता है। Authorities को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी specific community को unjust तरीके से target ना किया जाए।
Raza Academy ने religious scholars और community leaders से appeal की है कि वह youth को peaceful expression और legal रास्तों से justice पाने की दिशा में guide करें। Civil society से भी कहा गया है कि unity बनाए रखें और किसी भी तरह की divisive politics से बचें।
Prophet Muhammad ﷺ की शिक्षाओं का ज़िक्र
Statement में Prophet ﷺ की teachings को याद दिलाते हुए कहा गया कि peace, patience और compassion ही असली ताकत हैं। Anger और confrontation से हालात बिगड़ते हैं, इसलिए हर किसी को धैर्य और शांति से आगे बढ़ना चाहिए।
‘I Love Mohammad ﷺ’ case को लेकर social media platforms पर काफी debate देखने को मिली है। कई लोग arrests का विरोध कर रहे हैं और Raza Academy के PIL filing को support कर रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसे law-and-order से जोड़कर अलग नजरिए से देख रहे हैं।
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Delhi High Court का अगला कदम
Court में hearing के बाद यह साफ होगा कि arrests और cases पर क्या फैसला लिया जाता है। अभी फिलहाल matter sub judice है और दोनों पक्ष अपनी दलीलें पेश करेंगे।
Raza Academy और MSO ने कहा कि justice हमेशा legal process से ही हासिल किया जाना चाहिए। Protests और illegal actions सिर्फ हालात को और complicated बना देंगे।
Statement में साफ कहा गया कि community की असली ताकत patience, wisdom और constructive engagement में ही है। Authorities और community मिलकर harmony बनाए रखें।
India की Secular और Democratic Values
PIL ने जोर देकर कहा कि India की ताकत उसकी secular fabric और democratic values में है। किसी भी situation में इन्हें कमजोर नहीं किया जाना चाहिए।
Raza Academy और MSO की PIL ने एक important debate शुरू कर दी है। यह मामला सिर्फ arrests और cases का नहीं, बल्कि fundamental rights, religious freedom और secularism के संरक्षण से भी जुड़ा है। अब सबकी नज़र Delhi High Court के फैसले पर है, जो इस sensitive मुद्दे में crucial साबित होगा।