US Tariffs : भारत को बड़ा झटका, Visa Rules से बढ़ी Indians की टेंशन

अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से NIV के नियमों में किए गए इस बदलाव से अब कम समय में अमेरिका जाने वाले भारतीयों को किसी दूसरे देश में B1 (बिजनेस) या B2 (पर्यटक) वीजा के लिए साक्षात्कार समय नहीं मिलेगा। उन्हें अब अपने मूल देश या कानूनी निवास स्थान पर ही साक्षात्कार देना होगा।

US Tariffs Affect Visa Rules : अब भारतीय छात्रों और वर्क वीजा आवेदकों को सिर्फ अपने देश से ही US वीजा के लिए अप्लाई करना होगा। तीसरे देश में इंटरव्यू की सुविधा खत्म कर दी गई है। जानिए नए नियम की जरूरी बातें।

US Visa Interview Rules 2025: अमेरिका ने टैरिफ को लेकर भारत के साथ चल रहे विवाद के बीच एक और बड़ा कदम उठाया है। अमेरिका ने गैर-अप्रवासी वीजा (NIV) नियमों में बड़ा बदलाव कर दिया है। अब सभी आवेदकों को वीजा साक्षात्कार के लिए अपने नागरिकता वाले देश या कानूनी निवास स्थान पर ही अमेरिकी दूतावास में समय लेना होगा। इसका सीधा असर भारतीयों पर भी पड़ेगा। ऐसे में आइए जानते हैं कि अमेरिका के इस बदलाव से क्या असर होगा।

भारतीय नागरिक अब विदेश में नहीं दे सकेंगे वीजा साक्षात्कार

अमेरिकी विदेश विभाग की ओर से NIV के नियमों में किए गए इस बदलाव से अब कम समय में अमेरिका जाने वाले भारतीयों को किसी दूसरे देश में B1 (बिजनेस) या B2 (पर्यटक) वीजा के लिए साक्षात्कार समय नहीं मिलेगा। उन्हें अब अपने मूल देश या कानूनी निवास स्थान पर ही साक्षात्कार देना होगा। इससे उन्हें लंबे प्रतिक्षा समय (वेटिंग पीरियड) का सामना करना पड़ेगा और इससे उन्हें वीजा मिलने में भी काफी देरी होगी।

कोरोना महामारी के दौरान भारतीयों को मिली थी राहत

कोरोना महामारी के दौरान भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों पर दबाव कम करने के लिए भारतीयों को किसी तीसरे देश में साक्षात्कार समय लेने का विकल्प दिया गया था। उस समय भारत में आवेदनों की भारी संख्या के कारण प्रतीक्षा अवधि 3 साल तक बढ़ गई थी। इस विकल्प के बाद कम समय में वीजा चाहने वाले लोग थाईलैंड, सिंगापुर, जर्मनी, बैंकाक, फ्रैंकफर्ट और ब्राजील जाकर B1 या B2 वीजा का साक्षात्कार दे रहे थे।

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अमेरिका ने खत्म किया विदेश से साक्षात्कार देने का विकल्प

नवीनतम संशोधन के साथ अमेरिकी विदेश विभाग (DoS) ने उस राहत को वापस ले लिया है। इमिग्रेशन प्लेटफॉर्म द वीजा कोड के संस्थापक ज्ञानमूकन सेंथुरजोती के अनुसार, यूरोप, एशिया और मध्य पूर्व के गंतव्यों के लिए छात्र (F-1) या आगंतुक (B1/B2) वीजा और कुछ मामलों में कार्य वीजा नवीनीकरण के लिए आवेदन करने वाले कई आवेदकों को अब नए ढांचे के तहत फिर से आवेदन करते हुए साक्षात्कार समय लेना होगा। इससे उनके वीजा समय में बढ़ोतरी होगी।

संशोधन का क्या होगा असर?

पर्यटकों और व्यावसायिक यात्रियों के लिए नई नीति यात्रा योजना को काफी मुश्किल बना देगी। अब व्यावसायिक बैठकों, पारिवारिक कार्यक्रमों या छुट्टियों के लिए तत्काल यात्रा करने वालों के लिए विदेश में जाकर साक्षात्कार देते हुए वीजा हासिल करने का एक जरूरी विकल्प खत्म हो गया है। अवकाश और कार्य स्थल के रूप में अमेरिका की लोकप्रियता को देखते हुए यह बदलाव अनगिनत यात्रा योजनाओं को बाधित कर सकता है। इससे लोगों को खासी परेशानी होगी।

 

 

 

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Gaurang Maheshwari
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